बिहार में आयुर्वेद डॉक्टरों को हाइकोर्ट ने राहत, नियुक्ति के दौरान उम्र सीमा में 23 साल की मिलेगी छूट

पटना हाइकोर्ट ने राज्य में 3270 आयुष डाॅक्टरों की होने वाली नियुक्ति में आयुर्वेदिक व होमियोपैथी डॉक्टरों की अधिकतम उम्र सीमा में 23 व 22 वर्षों की छूट देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है. न्यायमूर्ति पीबी बजन्थरी की एकलपीठ ने दो रिट याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2022 6:32 AM

पटना. पटना हाइकोर्ट ने राज्य में 3270 आयुष डाॅक्टरों की होने वाली नियुक्ति में आयुर्वेदिक व होमियोपैथी डॉक्टरों की अधिकतम उम्र सीमा में 23 व 22 वर्षों की छूट देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है. न्यायमूर्ति पीबी बजन्थरी की एकलपीठ ने इस मामले से संबंधित दो रिट याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.

2006 में ही परिपत्र जारी

याचिकाकर्ता के वकील चक्रपाणि ने कोर्ट को बताया की राज्य में आयुष चिकित्सा पदाधिकारियों की नियुक्ति दशकों बाद हो रही है . सामान्य प्रशासन विभाग ने 2006 में ही एक परिपत्र जारी कर यह कहा था कि अधिकतम उम्र सीमा में छूट देते वक्त सरकार को उस समय अंतराल को भी ध्यान रखना है, जो पिछली और वर्तमान रिक्तियों के प्रकाशन में बीत गया है.

पिछली नियुक्ति 1998 में हुई थी

उक्त परिपत्र के अनुसार राज्य में आयुर्वेदिक डाक्टरों की नियुक्ति 1997 में और होमियोपैथी डॉक्टरों की पिछली नियुक्ति 1998 में हुई थी. राज्य सरकार को उक्त दोनों श्रेणी के डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए अधिकतम उम्र सीमा में क्रमशः 23 और 22 वर्षों की रियायत मिलनी चाहिए. हाइकोर्ट ने पिछली सुनवाई में इस बिंदु पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण भी मांगा था.

सीट सुरक्षित रखने को कहा था

पिछली सुनवाई के दौश्रान बिहार में 3270 आयुष डॉक्टरों की बहाली के मामले में पटना हाईकोर्ट ने 15 आवेदकों के लिए सीट सुरक्षित रखने को कहा था. यदि इनके पक्ष में फैसला आएगा तो इन्हें नियुक्ति पत्र जारी किया जाएगा अन्यथा वेटिंग वालों को मौका दिया जाएगा.

सामान्य प्रशासन विभाग की  बात नजरअंदाज की गयी

न्यायमूर्ति पीबी बजन्थरी की एकलपीठ ने अरुण कुमार मिश्रा एवं अन्य की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की. इसके पूर्व आवेदकों की ओर से अधिवक्ता चक्रपाणि ने कोर्ट को बताया कि आयुष डॉक्टरों की बहाली में उम्र सीमा में छूट देने को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी परिपत्र को भी नजरअंदाज कर दिया गया है.

अधिकतम उम्र में छूट दी गयी है

उनका कहना था कि यूनानी, होमियोपैथिक और आयुर्वेदिक डॉक्टरों की बहाली के लिए 1990, 1995 और 1997 में विज्ञापन प्रकाशित किया गया था. तीनों संकायों के आयुष डॉक्टरों की अधिकतम उम्र सीमा में 30, 25 एवं 23 वर्षों की छूट मिलनी चाहिए, जबकि विज्ञापन में कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल आयुष डॉक्टरों को मात्र 16 सालों की ही अधिकतम उम्र में छूट दी गयी है.

Next Article

Exit mobile version