पटना हाइकोर्ट ने पटना- गया- डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में हो रहे विलंब को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एनएचएआइ के निदेशक को निर्देश दिया की वह शपथ पत्र दायर कर कोर्ट को यह बतायें कि इस मार्ग का निर्माण कार्य कब तक पूरा कर लिया जायेगा. मुख्य न्यायाधीश केबी चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में निर्माण कंपनियों को यह बताने को कहा था कि निर्माण कार्य कब तक पूरा हो जायेगा.
पटना -गया- डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य कर रही कंपनियों ने पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया था कि 31 मार्च, 2023 तक फेज एक का अधिकतर कार्य पूरा कर लिया जायेगा. इस राजमार्ग के निर्माण कार्य को लगभग 30 जून, 2023 तक पूरा कर लिया जायेगा.
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनीष कुमार द्वारा कोर्ट को बताया गया कि जिस गति से काम किया जा रहा है, ऐसे में तय समय -सीमा में निर्माण कार्य पूरा होना कठिन है. तय समय- सीमा में कार्य पूरा करने के लिए संसाधनों और कार्य करने वाले लोगों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है. इससे पहले वकीलों की टीम ने कोर्ट के सामने एनएच का निरीक्षण कर उसका रिपोर्ट प्रस्तुत किया था.
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बता दें कि इस सड़क का निर्माण करीब 127 किमी की लंबाई में 2013 में शुरू होने के 10 साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है. इस बीच सड़क की लागत करीब ढाई गुना तक बढ़ गयी. 2013 में जमीन अधिग्रहण के साथ इसकी लागत करीब 2264.94 करोड़ रुपये स्वीकृत की गयी थी. 2015 में काम शुरू हुआ, लेकिन जमीन अधिग्रहण की समस्या और ठेकेदार की लापरवाही के कारण यह बंद हो गया. नवंबर-दिसंबर 2020 में फिर से लागत का आकलन किया गया. इसकी लागत 5519.90 करोड़ रुपये मंजूर की गयी.