बिहार में बिना बेहोश किये ऑपरेशन करने वाले NGO को क्लीन चीट देना पड़ेगा भारी! हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

खगड़िया के अलौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शिविर में एनजीओ के द्वारा बिना बेहोशी का इंजेक्शन दिये बंध्याकरण ऑपरेशन कर देने के मामले को ठंडा करने की कोशिश सफल नहीं हो सकेगी. हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान ले लिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2022 3:01 PM

Bihar News: खगड़िया के अलौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शिविर में एनजीओ द्वारा बिना बेहोशी का इंजेक्शन दिये बंध्याकरण मामले में पटना हाइकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गयी है. इधर, पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश समेत दो न्यायाधीशों की खंडपीठ के कड़े रुख के बाद जांच के नाम पर खानापूर्ति कर आनन-फानन में आरोपित एनजीओ को क्लीनचिट देकर मामले को दबा हुआ समझने वाले सिविल सर्जन समेत स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की धड़कन बढ़ गयी है.

बिना बेहोशी का इंजेक्शन दिये बंध्याकरण 

बता दें कि बुधवार को पटना हाइकोर्ट ने खगड़िया के अलौली प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बिना बेहोशी का इंजेक्शन दिये बंध्याकरण करने के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र व राज्य सरकार से एक सप्ताह के भीतर मांगा जवाब तलब किया है. महिलाओं को बिना बेहोशी का इंजेक्शन दिए ही बंध्याकरण का ऑपरेशन कर दिए जाने से संबंधित समाचार पत्रों में छपी खबर पर स्वतः संज्ञान लेते हुए हाइकोर्ट ने केंद्र एवं राज्य सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.

स्वतः संज्ञान लिया गया

चीफ जस्टिस संजय क़रोल एवं जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने इस मामले से संबंधित अखबारों में छपी रिपोर्ट को आधार बनाने हुए स्वतः संज्ञान लिया है. अखबार में छपी खबर के मुताबिक महिलाएं ऑपरेशन के समय दर्द से कराहती रहीं लेकिन उसके बावजूद डॉक्टर ने बिना बेहोश किए ही ऑपरेशन कर दिया.

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हाइकोर्ट ने कहा कि इस तरह की लापरवाही से पूरा सिस्टम कटघरे में खड़ा हो गया है. कोर्ट ने कहा कि यह कृत्य मानवता को ताक पर रखकर महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है. इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट यह जानना चाहता है इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गयी है. इस मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की जायेगी.

क्या है पूरा मामला

12 नवंबर को अलौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण के दौरान लापरवाही का मामला सामने आया. बंध्याकरण कराने वाली महिला प्रतिमा ने बिना सुन्न किये ही तीन चार लोगों द्वारा पकड़ कर ऑपरेशन करने का आरोप लगा कर सनसनी फैला दी थी. उल्लेखनीय हो कि पूरे मामले में 16 नवंबर को अलौली सीएचसी प्रभारी द्वारा सीएस को सौंपी गयी रिपोर्ट में ग्लोबल डेवलपमेंट इनिशिएटिव नामक एनजीओ पर बंध्याकरण के दौरान सरकारी प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने की बात कही गई लेकिन दोबारा जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग मुकर गया. और अलौली में बंध्याकरण करने वाले एनजीओ को क्लीनचिट दे दिया गया. बता दें कि प्रभात खबर में पूरे मामले को जोरशोर से उठाते हुए लगातार खबर प्रकाशित की गयी थी.

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Posted By: Thakur Shaktilochan

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