हाइकोर्ट का आदेश: साइबर अपराधों में फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, वाट्सएप और यूट्यूब की भी जिम्मदारी होगी तय
Bihar news कोर्ट ने कहा कि साइबर अपराधों में सोशल मीडिया प्रोवाइडर कंपनियों की कानूनी जिम्मेदारी तय करने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, वाट्सएप, यूटयूब, मैसेंजर को भी पक्षकार बनाया जाय.
Bihar News: साइबर क्राइम की बढ़ रही घटनाओं और सोशल मीडिया के हो रहे दुरुपयोग पर पटना हाइकोर्ट ने सख्त निर्देश दिया है. न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने साइबर क्राइम से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए कड़े निर्देश दिये है. कोर्ट ने कहा कि साइबर अपराधों में सोशल मीडिया प्रोवाइडर कंपनियों की कानूनी जिम्मेदारी तय करने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, वाट्सएप, यूटयूब, मैसेंजर को भी पक्षकार बनाया जाय, क्योंकि वे इस तरह के गलत पोस्ट को रोक नहीं पा रहे है.
कोर्ट ने सोशल मीडिया के माध्यम से पटना हाइकोर्ट समेत सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश के साथ ही हाइकोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश, मुख्य न्यायाधीश, एक सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश और पूर्व केद्रीय विधि मंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले पटना हाइकोर्ट के अधिवक्ता दिनेश के खिलाफ अविलंब प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश बिहार की आर्थिक अपराध शाखा को दिया है.
सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले एक वकील पर FIR का निर्देश
कोर्ट ने साइबर क्राइम से जुड़े एक आरोपित की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए यह निर्देश दिया. एकलपीठ ने कहा है कि बिहार सरकार ने इसी वर्ष 21 जनवरी को एक पत्र जारी कर इओयू को निर्देश दिया था कि सोशल साइट्स पर संसद, विधानमंडल के सदस्य, सरकार के मंत्रीगण के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट भेजने वालों पर कानूनी कार्यवाही करें.
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लेकिन, इस आदेश के 11 महीने बीत जाने बाद भी अब तक विधायक, सांसद, मंत्री लोगों के खिलाफ अभद्र आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की संख्य बताने में असमर्थ है. कोर्ट ने इओयू के एडीजी को निर्देश दिया कि वह एडवोकेट दिनेश के खिलाफ अविलंब प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करें और इन सभी मामलों की जांच रिपोर्ट 17 दिसंबर को कोर्ट में पेश करें.
Posted by: Radheshyam Kushwaha