हाइकोर्ट ने चार जिले के DM को लगायी फटकार, एनएच के लिए ली गयी जमीन का मुआवजा रैयतों को तुरंत देने के दिये निर्देश

पटना हाइकोर्ट ने राज्य के चार जिले गया, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर के डीएम को सख्त लहजे में निर्देश दिया कि वे अपने जिलों से गुजरने वाले नेशनल हाइवे और उसके निर्माण के लिए अर्जित की गयी जमीन के मुआवजे का भुगतान संबंधित रैयतों को तुरंत कर दें.

By Prabhat Khabar News Desk | December 18, 2020 9:12 AM

पटना. पटना हाइकोर्ट ने राज्य के चार जिले गया, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर के डीएम को सख्त लहजे में निर्देश दिया कि वे अपने जिलों से गुजरने वाले नेशनल हाइवे और उसके निर्माण के लिए अर्जित की गयी जमीन के मुआवजे का भुगतान संबंधित रैयतों को तुरंत कर दें.

साथ ही उस जमीन पर स्थित हर ढांचे को हटा कर फौरन उसे एनएचएआइ को भी सौंपने का निर्देश दिया.

कोर्ट ने इसके लिये राज्य सरकार को 31 दिसंबर तक का समय दिया है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने इस मामले को लेकर स्वतः शुरू की गयी सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया.

पिछली सुनवाई में भी कोर्ट ने लगायी थी फटकार

पिछली सुनवाई में हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि इन हाइवे के निर्माण के लिए भू-अर्जन में बरती गयी निष्क्रियता के कारण ही सूबे में नेशनल हाइवे के निर्माण का काम पांच से 10 वर्षों से लंबित पड़ा हुआ है.

कोर्ट ने कहा कि सरकार यदि बिहार का विकास चाहती, तो सबसे पहले भूमि अर्जन के मामले को सुलझाती. सूबे से गुजरने वाली 5100 किलोमीटर सड़क के 80 फीसदी का निर्माण का काम पिछले 5-10 सालों से अटका हुआ है.

हाइकोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद उक्त चारों जिले के डीएम की तरफ से कोर्ट में हलफनामा दायर कर यह आश्वासन दिया गया की भू-अर्जन से संबंधित मुआवजे की शेष रकम को 31 दिसंबर तक सभी रैयतों को भुगतान कर दिया जायेगा. हाइकोर्ट ने उन सभी हलफनामे को स्वीकार करते हुए चारों जिलों के डीएम को उक्त निर्देश दिया.

Posted by Ashish Jha

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