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नियम न मानने वाले अस्पतालों और नर्सिंग होम पर हाइकोर्ट सख्त, कहा- नहीं मिले इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ

पटना हाइकोर्ट ने राज्य के सरकारी व निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम और अन्य अस्पतालों को बिहार क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत निबंधन कराने के मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार से इस संबंध में की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट छह सप्ताह में तलब की है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 20, 2021 10:17 AM

पटना. पटना हाइकोर्ट ने राज्य के सरकारी व निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम और अन्य अस्पतालों को बिहार क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत निबंधन कराने के मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार से इस संबंध में की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट छह सप्ताह में तलब की है.

चीफ जस्टिस संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने वेटरन फोरम की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को यह निर्देश दिया. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रावधानों का पालन नहीं करने वाले अस्पतालों व नर्सिंग होम को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाये.

याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को अधिवक्ता रितिका रानी ने बताया कि एक्ट के तहत सभी अस्पतालों और नर्सिंग होम का निबंधन कराया जाना है. लेकिन, अस्पतालों और निजी नर्सिंग होम द्वारा अब तक रज्ट्रिरेशन कराने की रफ्तार काफी धीमी हैं.

उन्होंने बताया कि अस्पतालों में दी जाने वाली सुविधाएं, उपलब्ध चिकित्सक, कर्मचारी, सेवाएं और अन्य जानकारियां सार्वजनिक तौर पर देनी हैं. लेकिन, राज्य सरकार ने इस कानून के प्रावधानों को लागू करने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. इस मामले पर फिर अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद की जायेगी.

Posted by Ashish Jha

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