कोरोना से हुई मौत के आंकड़े को लेकर हाइकोर्ट सख्त, बिहार सरकार से पूछा – पोर्टल पर क्यों नहीं आते पूरे प्रदेश के आंकड़े
हाइकोर्ट ने राज्य में करोना के बढ़ रहे प्रकोप को रोकने और राज्य की जनता को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दायर कई रिट याचिकाओं पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों को कई निर्देश दिये.
पटना. हाइकोर्ट ने राज्य में करोना के बढ़ रहे प्रकोप को रोकने और राज्य की जनता को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दायर कई रिट याचिकाओं पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों को कई निर्देश दिये.
कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि कोरोना पीड़ित मरीजों की मृत्यु से संबंधित सभी आंकड़े पूरे प्रदेश के किसी भी एक पोर्टल पर क्यों नहीं आते हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति कहीं से भी इस मामले में पूरी जानकारी प्राप्त कर ले.
कोर्ट ने इससे संबंधित सभी जानकारियां राज्य के मुख्य सचिव को अगली सुनवाई में पेश करने का निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने यह भी जानकारी मांगी कि कोरोना से संबंधित वैक्सिनेशन, टेस्टिंग व करोना मरीजों की मौत के आंकड़े से संबंधित पूरी जानकारी का शपथ पत्र अगली सुनवाई पर कोर्ट में जमा करें.
कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के लिए सात जून की तिथि तय की है. कोर्ट में कोरोना महामारी से संबंधित अन्य मामलों की सुनवाई नौ जून को की जायेगी.
कोविड से संबंधित कचरे को कैसे नष्ट किया जाता है
कोर्ट के बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह बताने को कहा कि कोविड से संबंधित कचरे को कैसे नष्ट किया जाता है. इसके लिए क्या प्रक्रिया अपनायी जा रही है. इससे होने वाले वायु प्रदूषण के खतरे से बचाव के लिए क्या किया जा रहा है.
Posted by Ashish Jha