21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नेपाली नगर मामले में हाइकोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- सरकार बताये वेतन खर्च करते थे बोर्ड व थाने के अफसर

वहां मकान बनाने के लिए ये पदाधिकारी पैसे लेते हैं. ऐसे में राज्य सरकार को इन सभी पदाधिकारियों के सैलरी एकाउंट की जानकारी संबंधित बैंक से लेनी चाहिए कि उस अवधि में इन लोगों ने अपने वेतन के पैसे को बैंक से निकाला है या नहीं.

पटना. नेपाली नगर मामले में गुरुवार को हुई सुनवाई में हाइकोर्टने कड़ी टिप्पणी की है. कोर्टने सरकार को कहा कि इस मामले में यह पता लगाना चाहिए कि आवास बोर्ड और राजीव नगर थाने में पदस्थापित पदाधिकारियों ने उस अवधि में कितनी संपत्ति कमाई है. क्योंकि, सभी को यह मालूम है कि वहां मकान बनाने के लिए ये पदाधिकारी पैसे लेते हैं. ऐसे में राज्य सरकार को इन सभी पदाधिकारियों के सैलरी एकाउंट की जानकारी संबंधित बैंक से लेनी चाहिए कि उस अवधि में इन लोगों ने अपने वेतन के पैसे को बैंक से निकाला है या नहीं.

नेपाली नगर में 3255 लोगों ने अपना मकान बनाया

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से हाइकोर्ट में एक शपथ पत्र दायर कर यह जानकारी दी गयी कि नेपाली नगर में 3255 लोगों ने अपना मकान बनाया है. न्यायाधीश संदीप कुमार के द्वारा दिये गये निर्देश के बाद यह जानकारी कोर्ट को गुरुवार को दी गयी. अब 27 सितंबर को इस मामले में सुनवाई होगी.

मकान बनाने वालों से ज्यादा दोषी अफसर

हाइकोर्ट ने राज्य सरकार और आवास बोर्ड से 27 सितंबर तक यह बताने को कहा है कि नेपाली नगर में आवास बोर्ड की जमीन पर मकान बनाये जाने से रोकने के लिए आवास बोर्ड ने कई स्तर के पदाधिकारियों और राज्य सरकार ने राजीव नगर थाना बनाया. इसके बावजूद अगर वहां मकान बना, तो इसके लिए जितने दोषी मकान बनाने वाले हैं, उससे ज्यादा दोषी वहां पदस्थापित आवास विभाग और राजीव नगर के एसएचओ हैं. उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी दें. न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ नेपाली नगर मकान बना के रह रहे लोगों को अतिक्रमणकारी बताकर उनका मकान तोड़ दिये जाने के मामले की सुनवाई कर रही है.

सभी सूचीबद्ध मामलों में 27 तक दें जवाब

कोर्ट ने आवास बोर्ड व राज्य सरकार को कहा कि नेपाली नगर से संबंधित जितने भी मामले इस कोर्ट में सूचीबद्ध हैं, उन सभी में 27 सितंबर तक अपना जवाब दें. कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि हर हाल में 27 सितंबर तक सुनवाई पूरी कर ली जायेगी. वहीं, कोर्ट द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी अधिवक्ता संतोष कुमार ने कोर्ट को बताया कि राजीव नगर और नेपाली नगर क्षेत्र में जो भी कार्रवाई की गयी, वह सही नहीं थी. हटाने के पूर्व संचार माध्यमों में उन्हें नोटिस दे कर जानकारी देनी चाहिए थी. नागरिकों को मनमाने ढंग से नहीं हटाया जा सकता है. यह गैरकानूनी कार्रवाई की गयी. उन्हें उचित मुआवजा दिया जाये या उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें