High Security Number Plate: वाहनों के नंबर प्लेट पर उसके पंजीकरण नंबर के सिवा और कुछ नहीं होना चाहिए. यदि उसपर जाति सूचक शब्द या कुछ भी अतिरिक्त लिखा मिलता है तो वह नये मोटर वाहन कानून के अनुसार यातायात के नियमों का उल्लंघन है. ऐसा होने पर धारा 177 के अंतर्गत 500 रुपये और 179 के अंतर्गत 2000 रुपये जुर्माना लिया जा सकता है.
एमवीआइ एक्ट (MVI Act) में यह प्रावधान नया नहीं है, लेकिन यूपी में सक्सेना जी जैसे जातिसूचक शब्द लिखवाने के जुर्म में 500 रुपये जुर्माना होने के बाद से पूरे देश में वर्षों से शिथिल पड़े मोटर वाहन कानून के इस प्रावधान चर्चा शुरू हो गयी है और पटना में भी इसे लागू करने की तैयारी हो रही है. पटना ट्रैफिक एसपी अमरकेश डी ने कहा कि नंबर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर के सिवा कुछ भी लिखना नियम विरुद्ध है. ऐसा करने पर चालान हो सकता है अत: लोग ऐसा करने से बचें.
बाइक और अन्य मोटर वाहनों के नंबर प्लेट पर प्रेस, पुलिस और आर्मी जैसे शब्द लिखने पर भी रोक है और इसके लिए चालान किया जा सकता है. केवल एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसे आपातकालीन सेवा से जुड़े वाहनों को इससे छूट दी गयी है और वहां भी नंबर प्लेट से अलग यह लिखा होना चाहिए.
वाहनों के नंबर प्लेट और उस पर अंकित लेटर की साइज भी मोटर वाहन कानून में स्पष्ट रूप से तय किये गये हैं. दो पहिया, तीन पहिया और बड़े व छोटे चारपहिया वाहनों में लगनेवाले नंबर प्लेटों और उस पर अंकित लेटर के लिए अलग अलग आकार तय हैं. वाहनों के आगे और पीछे लगनेवाले नंबर प्लेटों के लिए भी इनमें अंतर है, जिन्हें किसी भी स्थिति में बदलने की इजाजत नहीं है.
न तो फैंसी लेटर का इसके लिए इस्तेमाल किया जा सकता है ओर न ही किसी तरह का आर्ट या पिक्चर इस पर बना सकते हैं. नंबर प्लेट दो लाइन में लिखने का प्रावधान है जिसमें पहले लाइन में स्टेट कोड और रजिस्टर्ड करनेवाली ऑथोरिटी का कोड होता है जबकि दूसरी लाइन में बाकी नंबर होते हैं. नंबर सफेद बैकग्राउंड पर काले अक्षरों में लिखने का निर्देश है.
परिवहन विभाग के द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार देश में दौड़ने वाले हर वाहन के लिए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य हो गया है. ऐसा नहीं होने की स्थिति में भी 500 से 2000 रुपये तक वाहन मालिक पर चालान काटा जा सकता है भले ही उसके द्वारा इस्तेमाल में लाया जा रहा सामान्य नंबर प्लेट अन्य तय मानकों को पूरा करता हो.
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट चूंकि सरकार के द्वारा इजाजत दी गयी एजेंसी को ही लगाने का अधिकार है, लिहाजा उनमें अक्षरों के बड़े छोटे होने या मानकों के विरुद्ध फैंसी होने की गुजाइश नहीं है. लेजर कोड अंकित होने के कारण इन नंबरों का डुप्लीकेट बनाना भी संभव नहीं है. साथ ही एक खास ढंग से उभरे होने के कारण इन्हें सड़कों और टोल प्लाजा पर लगे कैमरे के द्वारा भी नंबर समेत दर्ज किया जा सकता है.
इनपुटः अनुपम कुमार, पटना
Posted By: utpal