बिहार में एंटीबायोटिक के अधिक डोज से खराब हो रही है किडनी, अकेले IGIMS में मिले 4500 मामले

एंटीबायोटिक दवाओं का शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है. पटना सहित पूरे बिहार में बिना डॉक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक लेने का चलन तेजी से बढ़ा है. अधिक समय तक एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन से किडनी-लिवर पर असर पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 8, 2021 9:56 AM

आनंद तिवारी, पटना. एंटीबायोटिक दवाओं का शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है. पटना सहित पूरे बिहार में बिना डॉक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक लेने का चलन तेजी से बढ़ा है. अधिक समय तक एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन से किडनी-लिवर पर असर पड़ रहा है. नतीजा किडनी ट्रांसप्लांट कराने की नौबत आ रही है.

इंदिरा गांधी आयुर्वज्ञिान संस्थान (आइजीआइएमएस) में किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले डॉक्टरों ने इसका खुलासा किया है. डॉक्टरों ने कहा है कि अगर ये दवाएं लगातार खा रहे हैं, तो डॉक्टर से पूरी जानकारी ले लें.

आइजीआइएमएस में दवा के दुष्प्रभाव के 4500 मामले दर्ज

केंद्र के सहयोग से आइजीआइएमएस में संचालित एडवर्स ड्रग रिएक्शन मॉनीटरिंग सेंटर में दवा के दुष्प्रभाव से संबंधित करीब साढ़े चार हजार मामले दर्ज हुए हैं. इनमें 70 फीसदी मामले ऐसे हैं, जिनमें बगैर डॉक्टर की सलाह से लोगों ने बाजार से दवा खरीद कर सेवन किया था. इनमें सर्दी, बुखार व घुटनों के दर्द से परेशान मरीजों ने पेन किलर के साथ एंटीबायोटिक दवा का अधिक सेवन किया है.

अब तक 75 मरीजों की किडनी प्रत्यारोपित

आइजीआइएमएस में अब तक कुल 75 मरीजों की किडनी प्रत्यारोपित की गयी है. उनमें से 12 ऐसे थे, जिनकी किडनी दवा के दुष्प्रभाव से खराब हुई. शेष 60 मरीजों की किडनी पर मधुमेह और ब्लडप्रेशर के कारण असर हुआ था.

वहीं, वर्तमान में 15 से अधिक मरीज किडनी ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं. इनमें तीन ऐसे मरीज हैं जिन्होंने बिना डॉक्टर की सलाह लिये एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल किया. इससे किडनी खराब हुई. कुछ दिन तक डायलिसिस पर रखा गया, सुधार नहीं होने से किडनी खराब हो गयी और प्रत्यारोपण की नौबत आ गयी.

किडनी, लिवर पर असर

आइजीआइएमएस के डॉ हरिहर दीक्षित ने कहा कि दवाओं के दुष्प्रभाव के करीब साढ़े चार हजार मामले दर्ज किये गये हैं. हर साल 500 से 700 मामले दर्ज किये जाते हैं. 70 प्रतिशत मामलों में लोगों ने बगैर डॉक्टर की सलाह की दर्द की दवाएं लीं. 30 प्रतिशत मामले ऐसे पाये गये हैं, जिनमें डॉक्टरों द्वारा लिखी गयी दवाओं के सेवन से दुष्प्रभाव हुआ है. दवाओं का दुष्प्रभाव किडनी, लिवर, चेस्ट और हृदय पर सबसे अधिक होता है.

Posted by Ashish Jha

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