उच्चतर शिक्षा परिषद ने बनाया बिहार के लिए 2035 तक का रोड मैप, प्राइवेट विवि को बढ़ावा, दो शिफ्टों में चलेंगे कॉलेज

विशेष सचिव झा ने नयी शिक्षा नीति के मद्देनजर विशेष रूप से राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद का रोड मैप प्रस्तुत करते हुए बताया कि इसके लिए काफी संख्या में इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | December 16, 2020 1:53 PM

पटना. प्रदेश में 2035 तक प्रदेश का जीइआर(ग्रॉस इंरॉलमेंट रेशियो) पचास फीसदी तक करना है. इसके लिए शिक्षा विभाग के विशेष सचिव ने प्रधान सचिव संजय कुमार के समक्ष शार्ट एवं लांग टर्म प्लान पेश किया.

यह समूचा प्लान नयी शिक्षा नीति के मद्देनजर बनाया जा रहा है. शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सतीश चंद्र झा ने प्रेजेंटेशन में बताया कि वर्तमान में प्रदेेश का जीइआर 13 है,जो कि राष्ट्रीय औसत के आधा है.

जीइआर में 18 से 23 वर्ष के आयु के विद्यार्थियों की संख्या गिनी जाती है. 2035 तक पचास फीसदी करने के लिए उन्होंने कई सुझाव भी बताये.

विशेष सचिव झा ने नयी शिक्षा नीति के मद्देनजर विशेष रूप से राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद का रोड मैप प्रस्तुत करते हुए बताया कि इसके लिए काफी संख्या में इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होगी.

प्राइवेट विश्वविद्यालयों को बढ़ावा देने , कॉलेजों को दो शिफ्ट में चलाने आदि सुझाव प्रस्तुत किये. उन्होंने बताया कि प्रदेश में अभी 262 संबद्ध , 250 प्राइवेट कॉलेज, सात निजी और 13 परंपरागत विश्वविद्यालय हैं.

इसके अलावा कई तकनीकी उच्च शिक्षण परिषद में हैं. वर्तमान में प्रदेश के कॉलेजों में सोलह लाख से अधिक स्टूडेंट हैं. प्रेजेंटेशन के बाद अभी किसी मुद्दे पर निर्णय नहीं लिया जा सका.

इस दौरान उच्चतर शिक्षा परिषद के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. प्रधान सचिव बुधवार को भी इए बार रोड मैप देखेंगे. इस मीटिंग में उच्च शिक्षा विभाग की निदेशक डॉ रेखा कुमारी एवं उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अफसर मौजूद रहे.

Posted by Ashish Jha

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