बिहार में उच्च शिक्षा बेहाल, कहीं कुलपति नहीं, तो कहीं एक ही कॉलेज में दो-दो प्रिंसिपलों का दावा

राज्य के कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ाई लिखाई तो बाधित है ही, प्रशासनिक काम भी नहीं हो पा रहा है. कहीं, पूरा विश्वविद्यालय प्रभार में चल रहा है, तो किसी कॉलेज में दो-दो प्रिंसिपल के दावे कारण असमंजस की स्थिति है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 22, 2022 7:56 AM

पटना. राज्य के कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ाई लिखाई तो बाधित है ही, प्रशासनिक काम भी नहीं हो पा रहा है. कहीं, पूरा विश्वविद्यालय प्रभार में चल रहा है, तो किसी कॉलेज में दो-दो प्रिंसिपल के दावे कारण असमंजस की स्थिति है. मगध विश्वविद्यलय प्रभारी पर चल रहा है. बीआर बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक और पीजी के सत्र दो साल पीछे चल रहे हैं. जेपी विवि में भी पीजी और स्नातक के सत्र दो साल देर से चल रहे हैं. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यलय में तो स्थिति और भी खराब है. यहां आठ हजार पीजीव यूजी की डिग्री पर कुलपति का हस्ताक्षर नहीं हो सका है. छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं.

बड़ी समस्या: छह विवि कार्यकारी कुलपतियों के हवाले

पटना . 17 विश्वविद्यालयों में से छह विश्वविद्यालयों में नियमित कुलपतियों के पद खाली हैं. इनमें दूसरे विवि के कुलपतियों को प्रभार दिया गया है. बिहार एग्रीकल्चर विवि में कुलपति पद के प्रभार में विवि के ही डाइरेक्टर प्लानिंग डॉ अरुण कुमार प्रभार में हैं. पटना विवि के कुलपति प्रो गिरीश कुमार चौधरी के पास एमएमएच अरेबिक एंड पर्सियन यूनिवर्सिटी, बीआरए बिहार विवि के कुलपति प्रो हनुमान प्रसाद पांडेय के पास तिलका मांझी भागलपुर विवि का, नालंदा खुला विवि के कुलपति प्रो के सी सिन्हा के पास वीर कुंवर सिंह विवि और पाटलिपुत्र विवि के कुलपति प्रो आर के सिंह के पास मगध विवि का प्रभार है. आर्यभट्ट ज्ञान विवि के कुलपति पद का प्रभार एलएन मिथिला विवि के कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह के पास है.

मगध विश्वविद्यालय : विलंब से चल रहे हैं सत्र, परीक्षा भी नहीं

बोधगया. मगध विश्वविद्यालय में पिछले साल से कई सत्र विलंब से चल रहे हैं. परीक्षाएं नहीं हो पा रही हैं. जो हुई भी हैं, उनका रिजल्ट नहीं आ पा रहा है. रिजल्ट के लिए 24 दिनों से मगध विवि मुख्यालय पर छात्र धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रभारी कुलपति, प्रभारी प्रति कुलपति, प्रभारी कुलसचिव, प्रभारी एफओ और प्रभारी एफए के भरोसे काम हो रहा है. डीएसडब्ल्यू का पद खाली है. डिग्री के लिए छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं. हर दिन दर्जनों छात्र अपने मूल प्रमाणपत्र के लिए विवि का चक्कर काटते नजर आ रहे हैं. शिक्षक भी आंदोलन की तैयारी में हैं.

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय: स्नातक और पीजी के सत्र हैं दो साल पीछे

मुजफ्फरपुर.बीआरए बिहार विवि में नामांकन, परीक्षा और परिणाम में तो विलंब हो ही रहा है, रिजल्ट जारी होने के बाद तीन-चार महीने तक अंकपत्र के लिए इंतजार करना पड़ता है. स्नातक और पीजी का सत्र दो साल तक विलंब से चल रहा है. पीएचडी में नामांकन की प्रक्रिया डेढ़ साल से चल रही है. स्नातक सत्र 2018-21 की फाइनल परीक्षा पिछले साल दिसंबर में हुई. मई में रिजल्ट आया, लेकिन, अब तक मार्कशीट नहीं मिला. सत्र 2019- 22 के द्वितीय वर्ष की परीक्षा 27 जुलाई से शुरू होनी है. इस साल सत्र पूरा होना था, लेकिन अभी तक एक ही परीक्षा हुई है.

टीएम भागलपुर विश्वविद्यालय: नामांकन, परीक्षा व डिग्री के लिए चक्कर

भागलपुर. तिलकामांझी भागलपुर विवि में स्थायी कुलपति के नहीं होने से कई काम अटके हैं. स्थायी कुलपति की मांग को लेकर छात्रों ने तालाबंदी कर दी है.वहीं, सेवा संपुष्टि की अधिसूचना की मांग को लेकर विवि के 12 कॉलेजों और सभी पीजी विभागों में कॉलेजकर्मियों की हड़ताल चल रही है. इससे पठन-पाठन से लेकर अन्य कामकाज ठप हैं. नामांकन, परीक्षा वडिग्री लेने के लिए कॉलेजों से लेकर विवि का चक्कर काट रहे हैं. टीएमबीयू के कुलपति का प्रभार मिलने के बाद प्रो हनुमान प्रसाद पांडे 2021 में भागलपुर तीन बार आये. इस वर्ष एक बार भी नहीं आये.

गया कॉलेज: दो प्राचार्यों के दावे से कामकाज प्रभावित

गया. गया कॉलेज गया में तीन दिनों से प्रिंसिपल पद के दो दावेदारों से स्थिति असहज हो गयी है. नौ जून को विवि द्वारा ट्रांसफर पोस्टिंग के बाद 10 जून से डाॅ दीपक कुमार प्रिंसिपल पद पर काम कर रहे थे. कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ दिनेश प्रसाद सिन्हा का तबादला टीएस कॉलेज हिसुआ नवादा कर दिया गया था. लेकिन, वह 14 जुलाई को हाइकोर्ट से तबादले पर स्टे को लेकर आये और प्रिंसिपल की कुर्सी पर बैठ गये. ऐसे में कॉलेज के कर्मचारी भी पसोपेश में हैं कि आदेश किसका मानें. कॉलेज कर्मियों ने इस संबंध में कुलपति से पत्राचार कर मार्गदर्शन मांगा है.

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