पटना. नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्ट पोर्टल के अनुसार राज्य में सबसे अधिक पटना में साइबर क्राइम की घटनाएं हो रही हैं. गलत लिंक भेजकर, ओटीपी-पासवर्ड लेकर, फर्जी चेक आदि के माध्यम से साइबर घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है.
वहीं दूसरी बात है कि साइबर क्राइम की घटनाओं का संचालन अन्य राज्यों के विशेष स्थान जामताड़ा आदि के बदले अब घटनाओं के राज्य के ही किसी शहर हो रहा है. पुलिस विभाग की आर्थिक अपराध इकाई की ओर से संचालित होने वाली साइबर कंट्रोल यूनिट के अनुसार बिहार में गया, नवादा, नालंदा आदि जिलों में साइबर अपराधी अधिक सक्रिय हैं.
ठगी के नये तरीके को लेकर इओयू ने जारी किया अलर्ट : आर्थिक अपराध इकाई के साइबर कंट्रोल यूनिट ने एक नया खुलासा किया है. जानकारी में यह बात सामने आयी है कि पहले बिना ओटीपी बताये ही लोगों के बैंक एकाउंट से बैलेंस शून्य कर दिया जाता है जब बैलेंस शून्य होता है तो फिर आपसे ओटीपी की जानकारी मांगी जाती है. ऐसे में आपको बात समझ नहीं आती और आप फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं.
आर्थिक अपराध इकाई के साथ बतौर साइबर एक्सपर्ट काम कर रहे अभिनव सौरभ बताते हैं कि इस नये साइबर ठगी ट्रेंड में साइबर अपराधी आपके मोबाइल पर कोई लिंक भेजते हैं. उस लिंक को आप जैसे ही खोलते हैं आपके मोबाइल में उनकी उपस्थिति हो जाती है. इसके बाद मोबाइल से जुड़े आपके बैंक एकाउंट को खोल कर आपके बचत खाता से सारे पैसे को एफडी में बदल देते हैं.
इसके बाद आपके बचत खाता का बैलेंस शून्य दिखाने लगता है. जैसे ही आप पर शून्य बैलेंस का मैसेज आता है, तो फिर साइबर अपराधी आप को फोन कर कहते हैं कि अगर आप अपने पैसे को वापस पाना चाहते हैं तो मोबाइल पर आये ओटीपी को बताइए. बैलेंस शून्य होने पर अाप ओटीपी बताने में कोई हर्ज नहीं समझते. जैसे ही आप ओटीपी बताते हैं पूरा पैसा साइबर अपराधी के खाते में ट्रांसफर हो जाता है.
Posted by Ashish Jha