Hit and Run: बिहार में हड़ताल से यात्री हुए परेशान, प्रदर्शनकारी का पुलिस पर पथराव, जानिए क्या है नया कानून
hit and run new law: बिहार में बस व ट्रक चालकों की हड़ताल हुई. इस कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. राज्य में चालकों ने खूब बवाल किया. कैमूर में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथड़ाव भी किया.
Hit And Run New Law: बिहार में बस व ट्रक चालकों ने हड़ताल किया. इस कारण यात्रियों को काफी समस्या हुई. राज्य में चालकों का बवाल देखने को मिला. इधर, कैमूर में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथड़ाव तक कर दिया. इसमें दो से तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. इसके बाद दस लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया और दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही. वैशाली के हाजीपुर में जवानों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर राइफल तान दिया. पुलिस की ओर से ऐसा किया गया है, क्योंकि चालक उग्र हो चुके थे. रेलवे पुलिस के साथ मारपीट भी हुई. गोपालगंज, छपरा, भागलपुर, वैशाली, पटना, पूर्णिया, जहानाबाद आदि जिलों में बंद का असर दिखा. लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी हुई. पेट्रोल पंप पर लोगों को पेट्रोल मिलने में भी समस्या हुई. इसके अलावा कई सब्जी विक्रेताओं ने अधिक दामों पर सब्जी को बेचा. गोपालगंज में भी ट्रक एसोसिएशन का देश व्यापी हड़ताल का असर देखने को मिला. यहां ट्रक एसोसिएशन के सदस्यों ने एनएच-27 पर धरना देकर चक्का जाम कर दिया था. नगर थाना क्षेत्र के बंजारी मोड़ के पास एनएच-27 और एनएच-531 को जाम कर ट्रक ड्राइवरों ने हिट एंड रन के नए कानून का विरोध जताया और आगे भी आंदोलन करने की चेतावनी दी थी.
पुराने कानून को लागू करने की मांग
ट्रक ड्राइवरों ने कानून में बदलाव कर पुराने कानून को ही लागू करने की मांग की. नये साल की शुरुआत के साथ ही ट्रक चालकों ने हड़ताल कर दिया. एक जनवरी को सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ दिखा. लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए काफी समस्या हुई. ऑटो चालकों ने मनमाना किराया वसूला. इसके अलावा सड़क पर टमटम भी चलते हुए दिखी. कई लोगों ने ट्रेनों का सहारा लिया. बता दें ट्रेन 10 से 15 घंटे तक लेट चल रही है. कोहरे ने ट्रेनों की रफ्तार पर ह्रेक लगाई है. इस कारण ट्रेनों से सफर करना भी मुश्किल हो रहा है. निर्धारित समय और देर से ट्रेन चलने की वजह से यात्रियों को मिनटों की दूरी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. इससे उन्हें इस ऑटो और बसों की हड़ताल से काफी प्रभावित होना पड़ा है. इस क्रम में हड़ताल के दूसरे दिन भी शहर के सड़कों पर ऑटो या बसों का पूरी तरह परिचालन ठप रहा. इस दौरान जो भी ऑटो वाले सड़कों पर परिचालन की कोशिश की, उन्हें हड़तालियों से मार खाने की धमकी मिली है. ऐसे में सोमवार की तरह मंगलवार को भी शहर के किसी भी सड़कों पर सवारी वाहनों का परिचालन ठप रहा. जिससे शहर के मुख्य पोस्ट ऑफिस चौराहा, जहां आये दिन सड़क व वाहनों की लंबी कतार लगी रहती थी, वहां पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा.
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नये कानून में है यह प्रावधान
हड़ताल को लेकर प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि चालक 10 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह होती है. 10 लाख तक का जुर्माना कहां से भरेंगे. हादसा होने पर रुकेंगे तो लोग ही उन्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे. ऐसे में कानून पर केंद्र सरकार को विचार करनी चाहिए. वहीं, इस कानून के बारे में बता दें कि एक्सिडेंट के बाद पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना देने पर पांच साल की सजा व जुर्माना का प्रावधान है. वहीं, सूचना नहीं देने और भागने पर 10 साल की सजा और जुर्माना का प्रावधान किया गया है. वहीं, आईपीसी में दो साल की कैद और जुर्माने और सजा का प्रावधान था. फिलहाल, सरकार की ओर से कहा गया है कि अभी कानून लागू नहीं हुआ है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के गृह सचिव अजय भल्ला ने ट्रांसपोर्ट संगठन के साथ मीटिंग की है. इसमें आश्वासन दिया गया है कि फिलहाल कानून को लागू नहीं किया जाएगा और संगठन के साथ चर्चा के बाद ही कानून को लागू किया जाएगा.
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