पटना के विभिन्न इलाको में अगजा को लेकर तैयारी शुरू हो गयी है. बिजली के तार के नीचे अगजा की लकड़ियां सजने लगी है. लकड़ी के अलावा टायर, प्लास्टिक और अन्य सामग्री भी लोग इकट्ठा कर रहे हैं. हर साल बिजली के तार से सटे अगजा के कारण ट्रांसफॉर्मर और बिजली का तार जल जाता है, लेकिन इसके बावजूद अगजा के ऊंचे-ऊंचे टीले बनाये जाते हैं. पटना के कई इलाके ऐसे हैं, जहां दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है. कदमकुआं के पीरमुहानी, गांधी मैदान के बाकरगंज चौराहा, फ्रेजर रोड, सीडीए बिल्डिंग के अलावा कई जगहों पर अगजा की तैयारी शुरू हो गयी. इन जगहों पर लकड़ियों को इकट्ठा किया जा रहा है.
बता दें कि पिछले साल कदमकुआं थाना क्षेत्र के यादव लेन के पास अगजा के आग के कारण बिजली के सर्किट में ब्लास्ट होने के अलावा तार भी जल गया था. यही नहीं आग से बगल के पेड़ का आधा हिस्सा जल गया था. इसी तरह रामकृष्णा नगर में दो साल पहले झोंपड़पट्टी में आग लग गयी थी, एक साल पहले मुसल्लहपुर में ही किसान कोल्ड स्टोरेज के पास तार में आग लग गयी थी.
अग्निशमन के कमांडेंट मनोज कुमार नट ने बताया कि पटना में 120 संवेदनशील स्पॉट को चिह्नित किया गया है. सभी सेंटर को एक्टिव कर दिया गया है. साथ ही लोगों से अपील की जा रही है कि अगजा तार के नीचे या फिर वैसे जगहों पर न जलाये जहां घनीआबादी है. उन्होंने बताया कि शांति समिति की बैठक की जा रही है, जिसमें थानाध्यक्ष भी शामिल होंगे. 120 स्पॉट पर नजर रखने के लिए कई सेंटर भी रहेंगे और प्रत्येक सेंटर पर 6 लोगों की टीम तैनात रहेगी. उन्होंने बताया कि अग्निशमन के वरीय पदाधिकारियों ने सभी कर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी है.
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पेसू के जीएम मुर्तजा हलाल ने बताया कि सुपरीटेंडिंग इंजीनियर से लेकर एग्जक्यूटिव, असिस्टेंट और जूनियर इंजीनियर तक को निर्देश दिया गया है कि वह अपने-अपने इलाके में भ्रमण कर अगजा स्थल का निरीक्षण करें. अगर कहीं तार के नीचे अगजा की लकड़ी रखी हुई है तो वहां के स्थानीय लोगों को समझाकर तार से दूर रखने को कहे. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर आवागमन में बाधा उत्पन्न न हो इसलिए लकड़ियों को तार के नीचे रखा गया है, अगजा वाले दिन लोग खुद इसे तार से दूर कर देंगे.