पटना. बिहार में संभावित बाढ़ को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने राज्य के बाढ़ग्रस्त इलाकों में तैनात सभी सरकारी डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इसको लेकर आदेश जारी कर दिया गया है. इस आदेश को नहीं मानने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही गई है.
राज्य में मानसून एक्टिव होने के बाद से लगातार हो रही बारिश और पड़ोसी देश नेपाल में हुई जोरदार बारिश के के कारण बिहार में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. लगभग सभी नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और नदियां उफान पर हैं. ऐसे में संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने बाढग्रस्त इलाकों में तैनात डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी है. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने इसको लेकर आदेश जारी किया है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी कमीशनर, सभी डीएम और सिविल सर्जन को पत्र भेजकर कहा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किसी भी चिकित्सा पदाधिकारी/कर्मचारी को बाढ़ के समय छुट्टी नहीं दी जाए.
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जिलों के डीएम को यह अधिकार दिया गया है कि अगर उनके जिले में बाढ़ की स्थित उत्पन्न होती है तो वे जरूरत के मुताबिक डॉक्टरों की पोस्टिंग कर सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि बहुत जरूरी हो तो सिविल सर्जन की अनुशंसा के बाद डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को डीएम से छुट्टी की अनुमति लेनी होगी. अगर बिना आदेश के पालन किये कोई भी डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी छुट्टी पर जाते हैं, तो वे कार्रवाई के लिए तैयार रहें. इसके साथ ही बाढ़ के समय सभी चिकित्सा संस्थानों, चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों में चलंत पैथोलॉजिकल दल का गठन करने का भी निर्देश दिया गया है.