मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद ऑपरेशन मामले में हॉस्पिटल प्रबंधक ने सौंपी डॉक्टरों की लिस्ट, इस दिन होगी सुनवाई
Bihar News: मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद ऑपरेशन मामले में बिहार सरकार ने कोर्ट में दायर की रिपोर्ट सौंपी है. मोतियाबिंद ऑपरेशन मामले में सुनवाई 31 मार्च मार्च को होगी. आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन के बाद कई लोगों ने अपनी रोशनी गवायी थी.
बिहार सरकार ने मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में कई व्यक्तियों के आंख की रोशनी खो जाने के मामले में दोषियों पर की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट कोर्ट में दायर की. चीफ जस्टिस संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ मुकेश कुमार द्वारा इस मामले को लेकर दायर किये गये लोकहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. रिपोर्ट में कोर्ट को बताया गया है कि आंखों की रोशनी गवाने वाले पीडितों को बतौर क्षतिपूर्ति के रूप में एक एक लाख रुपए का मुआवजा दिया गया है. साथ ही मुजफ्फरपुर आइ हॉस्पिटल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उसे बंद कर दिया गया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 31 मार्च को फिर की जायेगी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा अस्पताल प्रशासन को पक्षकार बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि अगर वह चाहे तो राज्य सरकार द्वारा दायर किये गये रिपोर्ट के संबंध में अपना जवाब 31 मार्च तक दे सकते हैं.
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, लेकिन अनुसंधान का कार्य नहीं हो रहा हैं. साथ ही इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक हाइ लेवल कमेटी बनाकर उससे जांच कराने का अनुरोध कोर्ट से किया गया. याचिकाकर्ता द्वारा बताया गया कि आइ हॉस्पिटल के प्रबंधन व राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा बरती गयी अनियमितता और गैर कानूनी कार्यों की वजह से कई व्यक्तियों को अपने आंखों को अपनी आंख गंवानी पड़ी. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को विस्तृत हलफनामा दायर करने का आदेश दिया था.
22 नवंबर को 65 का हुआ था ऑपरेशन
आई हॉस्पिटल में 22 नवंबर को 65 मरीज का आपरेशन हुआ. इसमें से 25 मरीजों की आंख में संक्रमण हुआ है. इसमें 19 लोगों को अपनी आंख गंवानी पड़ी थी, जिसके बाद से अस्पताल को सील कर दिया गया था. इधर सदर अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन विगत 10 वर्षों में नहीं हुआ है और एसकेएमसीएच में भी बहुत कम नियमित मोतियाबिंद आपरेशन स्वास्थ्य अभियान के तहत होता है.
आई हॉस्पिटल प्रबंधक ने सौंपी डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की लिस्ट
जूरन छपरा स्थित मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल को खोलने का रास्ता साफ हो रहा है. शुक्रवार को आई हॉस्पिटल के प्रबंधक ने जांच टीम को ओटी, डॉक्टरों की संख्या, पारामेडिकल स्टॉफ व अन्य उपकरण की सूची सौंप दी हैं. अस्पताल प्रबंधक ने सभी कागजात सदर अस्पताल स्थित एसीएमओ कार्यालय में जमा कराया है. समीक्षा के बाद सीएस डीएम को रिपोर्ट देंगे, जिसके आधार पर अस्पताल खोलने को लेकर निर्णय लिया जायेगा.
Also Read: भागलपुर में बढ़ी ब्राउन शुगर के लती बच्चों की संख्या, बड़े घर के बच्चे तेजी से हो रहे स्मैक के शिकार
टीम अपनी रिपोर्ट बना सिविल सर्जन को सौंपेगी
एसीएमओ डॉ एसपी सिंह ने कहा कि आई हॉस्पिटल से पूरी जानकारी मांगी गयी थी. कितने डॉक्टर हैं, जो मोतियाबिंद का ऑपरेशन करते हैं, उनकी डिग्री क्या है. पारा मेडिकल स्टॉफ की डिग्री, ओटी का पूरा डिटेल और उपकरणों के बारे में खरीद सहित अन्य जानकारी मांगी गयी थी. अस्पताल प्रबंधन ने जानकारी उपलब्ध करा दी है. इसकी समीक्षा की जायेगी कि उनका अस्पताल मरीजों का ऑपरेशन व इलाज करने लायक है या नहीं हैं. इस जांच उपरांत टीम अपनी रिपोर्ट बना सिविल सर्जन को सौंपेगी.
सीएस करेंगे रिपोर्ट की समीक्षा
सीएस को रिपोर्ट मिलने के बाद वह खुद समीक्षा करेंगे, उसके बाद जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपी जायेगी. इसके बाद अस्पताल खोलने पर अनुमति बनेगी. बता दें कि जिला गोपनीय शाखा के कार्य पदाधिकारी ने पत्र दिया था कि आई हॉस्पिटल की जांच कर उसे खोलने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. जांच टीम इसमें देखे कि अस्पताल में जांच की स्थिति, ओटी, डॉक्टरों की संख्या, पारामेडिकल स्टॉफ व अन्य उपकरण, जिससे आंखों के ऑपरेशन होते हैं, किस हाल में है. इसके साथ ही वहां अभी क्या स्थिति हैं.