Bihar News: मुजफ्फरपुर के अहियापुर में एक युवक के पैर में जंग लगा हुआ स्टील का रॉड लगा दिया गया. जिससे युवक का पैर काला पड़ने लगा और उसके पैर में इंफेक्शन इस कदर फैल गया कि पैर को काटना पड़ गया था. अहियारपुर थाने में फरवरी में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. छात्र के पैर में जंग लगा स्टील लगाने में हॉस्पिटल संचालक व ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर की गिरफ्तारी होगी.
पीड़ित छात्र विश्वजीत कुमार के पैर में जंग लगा स्टील लगाने वाले हॉस्पिटल संचालक की गिरफ्तारी की जायेगी. पुलिस की अब तक की जांच में हॉस्पिटल संचालक की लापरवाही सामने आयी है. उसके कारण ही छात्र का दायां पांव काटना पड़ा था.
नगर डीएसपी ने केस के आइओ को निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द छात्र के पैर का ऑपरेशन कर जंग लगा स्टील लगाने वाले डॉक्टर व हॉस्पिटल संचालक को चिह्नित कर उनके नाम-पते का सत्यापन कर गिरफ्तारी करें. साथ ही पीड़ित छात्र का निजी अस्पताल में इलाज के दौरान अस्पताल प्रबंधन की ओर से दिये गये इलाज के पुर्जा, दवा व जांच से संबंधित कागजात भी मांगे.
छात्र के पैर में इंफेक्शन बढ़ने के बाद पटना में इलाज करने वाले हॉस्पिटल संचालक की ओर से दिये गये पुर्जा, जांच रिपोर्ट व दवा से संबंधित जानकारी भी आइओ को केस डायरी में लाने का निर्देश दिया गया है. डीएसपी ने बताया कि जल्द ही सुपरविजन रिपोर्ट जारी किया जायेगा. हॉस्पिटल संचालक व ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर की गिरफ्तारी का आदेश आइओ को दिया गया है. इसके अलावे आधा दर्जन बिंदुओं पर साक्ष्य इकट्ठा करने को कहा गया है.
पूर्वी चंपारण जिले के राजेपुर थाना के नरहा पानापुर निवासी छात्र विश्वजीत कुमार के पिता रंजीत कुमार ने 17 फरवरी 2023 को अहियापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें बताया था कि उसका पुत्र सड़क हादसे में जख्मी हो गया था. झपहां के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. इलाज के लिए 50 हजार रुपये काउंटर पर जमा करवा लिया. उसने दो अन्य डॉक्टरों ने मिल कर उसके पुत्र के पैर का ऑपरेशन कर उसमें रॉड डाला था.
बताया कि आठ फरवरी को उसके पुत्र का पैर काला पड़ने लगा तो उसे पटना इलाज के लिए ले जाने को डॉक्टर ने कहा. अब तक रोके जाने का कारण पूछने पर उसके साथ मारपीट की गयी. पटना एम्स में डॉक्टरों ने पैर में इंफेक्शन होने की बात कहा. उनका कहना था कि गलत इलाज व पैर में जंग लगा रॉड लगा देने से यह इंफेक्शन फैला है. वहां डॉक्टरों ने उसके पुत्र की पैर काटा, तक जाकर उसकी जान बची.
Published By: Thakur Shaktilochan