पटना @42.7 डिग्री सेल्सियस, गर्म हवाओं से पूरे दिन जनजीवन बेहाल, अस्पतालों में 20 फीसदी बढ़े मरीज
पीएमसीएच व आइजीआइएमएस अस्पताल के मेडिसिन विभाग व शिशु रोग विभाग में प्रतिदिन ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिन्हें अधिक पसीना, चक्कर और सिरदर्द की समस्या आ रही है. आंकड़ों के अनुसार बीते पांच दिनों में करीब 20 प्रतिशत मरीज डिहाइड्रेशन के बढ़ गये हैं.
राजधानी पटना व आसपास के क्षेत्रों में एक बार फिर से गर्मी का प्रकोप बढ़ गया है. सुबह सात बजे से लेकर शाम पांच बजे के बाद भी तेज धूप और गर्म हवाओं से पूरा जनजीवन प्रभावित हुआ है. शनिवार को शहर का अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक 42.7 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान भी सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस अधिक 28.2 दर्ज किया गया. मौसम विज्ञान केंद्र की मानें तो मौसम अभी राहत देने के मूड में नहीं है. अगले चार दिनों तक कमोबेश ऐसे ही हालात बने रहेंगे.
अस्पतालों में वार्ड फुल
वहीं, गर्मी के चलते शहर के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में पेट दर्द व डायरिया, बुखार के मरीजों की संख्या भी बढ़ गयी है. गर्मी से बच्चे व बुजुर्गों की हालत सबसे ज्यादा खराब है. शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच और पटना एम्स अस्पतालों के बच्चा वार्ड में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. पीएमसीएच का बच्चा वार्ड हाउसफुल चल रहे हैं. खासकर पीएमसीएच अस्पताल में तो एक बेड पर दो-दो बच्चों का इलाज चल रहा है. मरीजों की देखभाल में स्टाफ के भी पसीने छूट रहे हैं.
गर्मी से बीमार होकर 250 से अधिक लोग पहुंच रहे
गर्मी की वजह से अधिकांश लोग बीमार हो रहे हैं. शहर के पीएमसीएच के मेडिसिन विभाग, शिशु रोग व स्किन विभाग में रोजाना 250 से अधिक ऐसे लोग हैं जो गर्मी के कारण बीमार होकर पहुंच रहे हैं. कमोबेश यही स्थिति आइजीआइएमएस और पटना एम्स अस्पताल के ओपीडी का है. यहां कुल दो हजार से अधिक ओपीडी में इलाज कराने मरीज पहुंच रहे, इनमें 250 गर्मी के शिकार होकर आ रहे हैं. यहां पेट संबंधी बीमारी के साथ शुगर, डायबिटीज, बुखार -खांसी, खुजली से परेशान दर्जनों मरीजों की लाइन लग रही है. चिकित्सकों का मानना है कि गर्मी के साथ-साथ इस मौसम में दूषित जल पीने व खराब खानपान, गंदगी इसका मुख्य कारण है.
पांच दिनों में 20 फीसदी बढ़े डिहाइड्रेशन के मरीज
लोग गर्मी की वजह से बुखार सी पीड़ित हो रहे हैं और डिहाइड्रेशन का शिकार हो रहे हैं. शहर के पीएमसीएच व आइजीआइएमएस अस्पताल के मेडिसिन विभाग व शिशु रोग विभाग में प्रतिदिन ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिन्हें अधिक पसीना, चक्कर और सिरदर्द की समस्या आ रही है. आंकड़ों के अनुसार बीते पांच दिनों में करीब 20 प्रतिशत मरीज डिहाइड्रेशन के बढ़ गये हैं.
ऐसे बरतें सावधानी
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ एनपी वर्मा का कहना है कि ओपीडी में आने वाले आधे से अधिक मरीज पेट संबंधित समस्या से ग्रसित हैं. इससे निजात पाने के लिए सावधानी बरतनी आवश्यक है. घर में बना खाना खाएं. बाहर के खानों से परहेज करें. स्वच्छता का ध्यान रखें. बाहर से आने के बाद हाथ -पैर अच्छी तरह धोएं. स्वच्छ कपड़ों का प्रयोग करें. धूप से बचने का प्रयास करें. अत्यधिक पानी का सेवन करें, खासकर नारियल पानी का सेवन शरीर के लिए लाभदायक है.
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गर्मी में बचने के लिए ये उपाय भी करें
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हल्का और हेल्दी फूड लें, बहुत च्यादा कार्बोहाइड्रेट और फैट वाले फूड से शरीर में बहुत अधिक गर्मी पैदा होती है. ताजे फल और सब्जियों का सेवन बढ़ा दें, जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है, जैसे कि संतरा, तरबूज, टमाटर, नारियल पानी आदि.
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बाहर के खाने से परहेज करें. स्ट्रीट फूड दूषित हो सकता है, जो बीमारियों को दावत देता है. ऐसे में गर्मियों के दिनों में बाहर खाने से परहेज करें. पेट की एलर्जी और बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बचने के लिए बाहर के खाने से दूरी बना लें.
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अपनी आंखों को कड़ी धूप से बचाने के लिए खासकर बाहर निकलने पर सन ग्लास पहनें, जो 99 परसेंट तक पराबैंगनी किरणों को रोकते हों.