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पटना में सीजन का सबसे गर्म दिन रहा शनिवार, पारा 44.7 पहुंचा, बिजली खपत ने भी तोड़ा रिकॉर्ड

शनिवार को पटना में इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा. वर्तमान सीजन में शनिवार तीसरा दिन था, जब शहर का पारा 44 डिग्री सेल्सियस के पार गया. अधिकतम तापमान की दृष्टि से शनिवार को प्रदेश में तीसरे स्थान पर पटना रहा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2023 3:46 AM

पटना में शनिवार इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा और शहर का पारा 44.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. सुबह नौ बजते ही धूप बेहद तीखी हो गयी और दोपहर 11 बजे के बाद लू भी चलने लगी. पूरे दोपहर लोग इससे परेशान रहे और शहर पर लोगों को आना-जाना भी अन्य दिनों की तुलना में कुछ कम दिखा. खुले में या ठेले पर समान बेचने वाले इस दौरान बहुत परेशान दिखे. अधिकतर किसी फ्लाइओवर के नीचे या अन्य छांव वाली जगह में ही अपना ठेला खड़ा कर चीजों को बेचते दिखे . ग्राहकों की संख्या भी अन्य दिनों की तुलना में बहुत कम दिखी. लू के थपेड़ों के कारण आदमी ही नहीं, जानवर भी बेहाल दिखे .

तीसरी बार 44 डिग्री के पार गया पारा

वर्तमान सीजन में यह तीसरा दिन था, जब शहर का पारा 44 डिग्री सेल्सियस के पार गया. बीते आठ जून को पहली बार पारा 44 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा था. नौ जून को यह 44.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया और शनिवार की दोपहर 44.7 डिग्री तक यह पहुंच गया.

प्रदेश में तीसरा सबसे गर्म स्थान रहा पटना

अधिकतम तापमान की दृष्टि से शनिवार को प्रदेश में तीसरे स्थान पर पटना रहा. शेखपुरा (44.4 डिग्री)और औरंगाबाद(44.4 डिग्री) क्रमश: प्रथम दो स्थान पर रहे.

बिहार में पहली बार 7093, तो पटना में 775 मेगावाट बिजली की हुई खपत

भीषण गर्मी के बीच बिजली की मांग भी लगातार रिकॉर्ड तोड़ रही है. शनिवार को पहली बार बिहार के इतिहास में सात हजार मेगावाट से अधिक बिजली की मांग दर्ज की गयी. रात 8:31 बजे राज्य में 7093 मेगावाट की खपत दर्ज की गयी, जो रिकॉर्ड है. इससे पहले नौ जून, 2023 को राज्य में 6983 मेगावाट बिजली की खपत हुई थी. वहीं, पटना शहर में भी शनिवार को पहली बार 775 मेगावाट बिजली की खपत हुई. यह आंकड़ा दोपहर दोपहर दो बजे का है. इससे एक दिन पहले 16 जून को शहर में 745 मेगावाट बिजली की खपत हुई थी.

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बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने बताया कि पिछले वर्षों के दौरान ऊर्जा के क्षेत्र में हुए असाधारण कार्यों की वजह से यह रिकॉर्ड उपलब्धि हासिल हो पायी. राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति के लिए ऊर्जा परिवार सतत प्रयत्नशील है.

2005 में मात्र 700 मेगावाट थी पीक डिमांड

बिजली कंपनी के मुताबिक 2005 में बिहार की पीक डिमांड मात्र 700 मेगावाट थी, जो पिछले 18 साल में 10 गुना से अधिक बढ़ गयी है. 2012 में बिहार की पीक डिमांड 1802 मेगावाट पहुंच गयी थी. पिछले साल जून में 15 तारीख को अधिकतम 6627 मेगावाट पीक डिमांड दर्ज हुई थी.

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