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बिहार: घर का नक्शा पास कराना हुआ आठ गुना तक हुआ महंगा, जानें अब कितने रुपये होंगे खर्च?

गया शहर में कुछ दिन पहले तक नक्शा बनाने की दर बहुत कम थी. अब यह दर आठ गुना बढ़ गई है. इसके चलते अब आवेदनों की संख्या पहले की तुलना में आधी रह गई है. आइए जानते हैं कि अब पहले के मुकाबले नक्शा पास कराने के लिए कितने रुपये खर्च हो रहे हैं.

गया शहर में मकान या बिल्डिंग बनाने से पहले नगर निगम से नक्शा पास कराना जरूरी किया गया है. साल में जितने मकान बनते हैं, उसमें से 20 फीसदी मकान का ही नक्शा पास कराने के लिए निगम में आवेदन पहुंचता है. कुछ दिन पहले तक नक्शा बनाने का रेट बहुत ही कम था. अब यह रेट आठ गुना बढ़ गया है. इससे अब पहले के मुकाबले आवेदनों की संख्या आधी हो गयी है. निगम सूत्रों का कहना है कि पहले एक कट्ठा जमीन में मकान बनाने के लिए नक्शा पास कराने में आवेदन व फीस लगाकर 10 हजार से भी कम खर्च कराना पड़ता है. अब यही खर्च 60 हजार रुपये तक वहन करना होगा.

रेट बढ़ने के बाद आवेदन की संख्या हो गई आधी

सूत्रों का कहना है कि नक्शा पास कराने निगम में पहले वही लोग पहुंच रहे थे, जिनको लोन लेना रहता था. पहले कुछ लोग अपने पैसों से बनाने वाले भी नक्शा पास कराते थे, ताकि बाद में कोई दिक्कत नहीं हो. रेट बढ़ने के बाद सिर्फ यहां लोन लेने वालों का ही आवेदन आ रहा है. सूत्र बताते हैं कि नक्शा पास कराने के बजाय लोग कुछ खर्च देकर मकान बना ले रहे हैं. निगम कार्यालय में पहले एक माह में 50 आवेदन नक्शा पास कराने के लिए आते थे. रेट बढ़ने के बाद यह संख्या 20-25 हो गयी है.

अब तक सिर्फ होती रही कार्रवाई की बात

बिना नक्शा पास कराये मकान बनाने पर कार्रवाई की बात हर बार निगम की बैठक में उठाई जाती है, लेकिन अब तक एकाध को छोड़ किसी पर कार्रवाई नहीं की गयी है. यही कारण है कि बिना नक्शा पास कराये मकान बनाने वालों की संख्या अधिक हो गयी है. निगम में बिना नक्शा के मकान बनाने वालों पर ध्यान रखने के लिए कई लेयर पर कर्मचारी व अधिकारियों को तैनात किया गया है. लेकिन, इनका काम नहीं दिखता है.

यहां भी आ रही है दिक्कत

मकान का नक्शा पास कराने में अब तक 10 हजार के अंदर में बन जाता था. इसके बाद बैंक में लोन के अप्लाइ किया जाता था. नक्शा पास कराये बिना लोन के लिए अप्लाइ नहीं किया जा सकता है. अब लोग 60 हजार खर्च कर नक्शा पास कराते हैं और बैंक में अप्लाइ करने के बाद लोन नहीं दिया जाता है, तो बड़ा घाटा होगा. इसलिए पहले बैंक से समझ कर ही लोग नक्शा पास कराने के लिए आगे बढ़ रहे हैं.

यह है बढ़ा हुआ रेट

  • अब आवासीय प्लॉट पर नक्शा पास कराने के लिए प्रति स्क्वायर मीटर 10 रुपये की जगह 80 रुपये देने होंगे

  • वहीं कॉमर्शियल बिल्डिंग के लिए नक्शा पास कराने के लिए प्रति स्क्वायर मीटर 20 रुपये की जगह 160 रुपये देने होंगे

  • वहीं 15 मीटर से ऊपर के निर्माण के लिए नक्शा बनवाने पर अब 20 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर की जगह 320 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर देना होगा

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नक्शा पास कराना जरूरी

शहर के मेयर डॉ वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान ने बताया कि शहर को व्यवस्थित व विकसित करने के लिए निगम से नक्शा पास कराना जरूरी है. शहर में नये बस रहे मुहल्लों में हर वक्त दिक्कत आती रही है कि सड़क व नाली की जगह नहीं है. बिना नक्शा पास कराये मकान बनाना पूरी तौर से अवैध है. नक्शा रजिस्ट्रेशन के पैसों को शहर के विकास में ही लगाया जाता है. शहर के सभी लोगों को इसमें साथ देना होगा. निगम का कर्तव्य है कि शहर को सुव्यवस्थित रखने के लिए जरूरी कदम उठाये जाये. इसमें कुछ जगहों पर देख जा रहा है कि नक्शा पास कराये बिना ही लोग निर्माण करा ले रहे या फिर नक्शा से विचलन कर निर्माण करा रहे हैं. इस पर जांच कर जल्द ही कार्रवाई शुरू की जायेगी.

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