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नवादा में पीएम आवास योजना के तहत बन रहा था मकान, दीवार गिरने से डेढ़ साल की बच्ची की मौत, सात लोग घायल

नवादा में दीवार गिरने से डेढ़ साल की बच्ची की मौत हो गयी है. इसके साथ ही परिवार के कुल सात सदस्य दीवार की चपेट में आकर घायल हो गये. स्थानीय लोगों ने मलबे में दबे लोगों को किसी तरह से निकाला. सभी घायलों को निजी वाहनों से अनुमंडलीय अस्पताल में लाया गया.

नावादा जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है. रजौली प्रखंड के लेंगुरा गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माणाधीन मकान में मिट्टी की दीवार गिरने से डेढ़ साल की एक बच्ची की मौत हो गयी. इसके अलावा अन्य तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गये साथ ही तीन लोगों को सामान्य चोटें आयी है. परिजन सुधीर लाल ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के घर का निर्माण कार्य चल रहा था. इससे पहले उनका परिवार मिट्टी के घर में अपना गुजर-बसर कर रहा था.

दीवार गिरने से सात लोग घायल

मिट्टी से बने पुराने घर की दीवारों को एक-एक कर तोड़ कर ही पक्का मकान बनाया जा रहा था. शुक्रवार की सुबह लगभग छह बजे मिट्टी की दीवार को खंती से मार कर गिराने के दौरान दीवार धराशायी हो गया. इसके कारण दीवार के पास में खेल रहे बच्चे दीवार के मलबे की चपेट में आ गये. परिवार के कुल सात सदस्य दीवार की चपेट में आकर घायल हो गये. स्थानीय लोगों व अन्य परिजनों की मदद से मलबे में दबे लोगों को निकाला गया. सभी घायलों को निजी वाहनों से अनुमंडलीय अस्पताल में लाया गया.

घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद किया गया रेफर

अस्पताल में ड्यूटी पर रहे चिकित्सक डॉ सतीश चंद्र सिन्हा ने सभी घायलों का प्राथमिक इलाज किया. चिकित्सक ने बताया कि इलाज शुरू करने के पहले ही डेढ़ वर्षीय परी कुमारी मृत पायी गयी. बीरबल यादव की पत्नी पूजा कुमारी, बिनोद लाल के पुत्र गोलू कुमार व सुधीर राम की बेटी अंजली कुमारी गंभीर रूप से घायल थे. जिनको प्राथमिक उपचार के बाद पावापुरी रेफर किया गया है. अन्य तीन लोगों को सामान्य चोटें आयी है. इनका इलाज कर घर भेज दिया गया है. परिजनों ने बताया कि मृतक बच्ची परी कुमारी अपने ननिहाल आयी हुई थी. घटना की जानकारी मिलते ही बीडीओ अनिल मिस्त्री व थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर दरबारी चौधरी अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों से मिले.

रेफर मरीजों को एंबुलेंस के लिए करना पड़ा घंटों इंतजार

अनुमंडलीय अस्पताल से रेफरल मरीजों को एंबुलेंस के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा. इससे परिजनों में काफी आक्रोश दिखाई दिया. डॉ दिलीप कुमार ने बताया कि रेफर हुए मरीजों के परिजनों द्वारा टोल फ्री नंबर 102 पर कॉल करके एंबुलेंस बुलवाने का प्रावधान है. कॉल सेंटर से ही रेफरल मरीजों को एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है. हालांकि, अनुमंडलीय अस्पताल में दो सरकारी एंबुलेंस भी उपलब्ध है. किंतु, संयोगवश दोनों एंबुलेंस अस्पताल परिसर से बाहर थे.

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घायलों को पहुंचाया गया अस्पताल

चिकित्सक ने बताया कि पीएचसी सिरदला कॉल करके एम्बुलेंस उबलब्ध कराया गया. इस बाबत पर बीडीओ ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा रेफरल मरीजों को पावापुरी अस्पताल भेजने में विलंब हुई है. साथ ही प्रबंधन द्वारा पहले गंभीर रूप से घायल मरीजों को एंबुलेंस से रेफरल अस्पताल में न भेज कर अपेक्षाकृत कम घायल व्यक्ति को भेजा गया. बीडीओ ने बताया कि ऐसी विषम स्थिति दोबारा न उत्पन्न हो इसके लिए उचित कदम उठाये जायेंगे. Prabhat Khabar App: देश-दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, क्रिकेट की ताजा खबरे पढे यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए प्रभात खबर ऐप.

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