पटना . कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच पटना में कितने बच्चे वायरल बुखार से प्रभावित हैं इसकी जिला स्तर पर अब तक कोई रिपोर्ट तक नहीं बनायी गयी है. कोरोना का संक्रमण बच्चों में न फैले इसके लिए बच्चों की जांच और उन्हें इलाज देना जरूरी है.
दूसरी ओर वायरल बुखार जिले के शहरी से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में फैला हुआ है. किन इलाकों में कितने बच्चे वायरल बुखार से पीड़ित हैं जानकारी एकत्र करने को पटना सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने पीएचसी के प्रभारियों को आवश्यक निर्देश दिये हैं. सिविल सर्जन ने रिपोर्ट मांगी है कि कितने बच्चे बीमार होकर उनके यहां आ रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों जिलों में वायरल बुखार तेजी से पांव पसारने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अब इसकी जांच कराने की तैयारी कर ली है. बुखार की चपेट में बच्चे अधिक बच्चे आ रहे हैं. इसे देखते हुए विभाग ने निर्णय लिया है कि बच्चों में होनेवाली बुखार के कारणों की तलाश की जाये.
अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा डाक्टरों की टीम भेजकर इसकी जांच करायी जायेगी कि बुखार का वास्तविक कारण क्या है. अब तक इस तरह के बुखार की चपेट में आनेवाले बच्चों की उम्र छह वर्ष से 14 वर्ष के बीच है. राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने बताया कि वायरल बुखार के बढ़ते मामलों को देखते हुए विभाग ने इसके कारणों का पता लगाने के लिए कुछ टीमें गठित की है.
अलग-अलग टीम सीवान, बक्सर, छपरा, गोपालगंज, पू चंपारण और प चंपारण जिलों में जाकर इसकी जांच करेगी. पीड़ित के परिवार से टीम यह जानकारी लेगी कि बच्चा बुखार की चपेट में कब से आया और उसके लक्षण क्या-क्या थे. टीम यह भी पता करेगी कि इसके पूर्व भी क्या इस बीमारी से मिलते-जुलते लक्षण दिखे हैं.
Posted by Ashish Jha