भागलपुर: शहर को जाम मुक्त बनाने व यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर चलायी जा रही मुहिम संसाधन और मानव बल की कमी पर आकर रुक जाती है. जब वाहन चेकिंग अभियान चलाया जाता है, तो सारे बल उसी काम में लग जाते हैं. कई इलाके में जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. सूचनाएं प्रदान करने वाले होर्डिंग पर्याप्त संख्या में नहीं हैं.
इसके अलावे जो संसाधन मौजूद हैं, उसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है. ऐसे में भागलपुर यातायात पुलिस के इस मुहिम को गंतव्य तक पहुंचाने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. यातायात पुलिस दावा कर रही है कि उनके पास संसाधन पर्याप्त है, लेकिन जब वास्तविकता जांच की गयी तो सुविधाएं और संसाधन दोनों में ही कमी है. वर्तमान में भागलपुर यातायात पुलिस के पास कुल 108 सिपाही व होमगार्ड सहित छह पुलिस पदाधिकारी मौजूद हैं. भागलपुर शहरी क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक प्रमुख चौक-चौराहें हैं.
वर्ष 2019 में शहर सहित विक्रमशिला सेतु, बाइपास पर यातायात व्यवस्था को लेकर तत्कालीन जिला प्रशासन और जिला पुलिस के अधिकारियों ने कई इंतजाम किये थे. शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर डिवाइडर लगवाये थे. विक्रमशिला सेतु पर फ्लेक्सिबल डिवाइडर और स्प्रिंग पोस्ट लगाये गये थे. कुछ ही महीनों डिवाइडर टूट गये. जर्जर डिवाइडर से कुछ दिन काम चलाया गया. तिलकामांझी चौक जेल रोड और बरारी रोड के मुहाने पर करीब डेढ़ दर्जन डिवाइडर लगे थे. वर्तमान में चार बचे हैं. जो मौजूद हैं उनकी स्थिति जर्जर हो चुकी है. कचहरी चौक पर अधिकतर के टूटने के बाद चंद बचे डिवाइडरों का इस्तेमाल अब वन वे व्यवस्था को लागू करने में किया जा रहा है. वन वे व्यवस्था को लागू करने के लिए कचहरी चौक पर डिवाइडरों में तार बांध दिया गया है. पतले तार से बांधने से कई बाइक व कार चालक उक्त रस्सी को पार करने में दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. कुछ यही हाल खलीफाबाग चौक का है.
यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने, जाम लगने या किसी प्रकार की समस्या की रियल टाइम रिपोर्टिंग के लिए यातायात पुलिस के अफसरों और कर्मियों को कुछ वायरलेस हैंडसेट/पैकमैन मुहैया कराया गया था. कुछ दिनों तक उसका इस्तेमाल हुआ. अब धूल फांकने के लिए यातायात थाने में रख दिया गया. पुलिस अफसरों और कर्मियों के पास रिपोर्ट करने की स्थिति में मोबाइल ही सहारा है. वायरलेस सेट का इस्तेमाल किया जाये, तो जाम लगने की स्थिति में आसपास मौजूद थानों के बल या आसपास के पोस्ट पर मौजूद यातायात पुलिस तत्काल वहां पहुंच जाम हटाने का काम कर सकती है. पुलिसकर्मियों के कार्य के दौरान बाधा उत्पन्न करने या लगने वाले आरोपों से बचने के लिए उन्हें बॉडी वार्मर कैमरा डिवाइस मुहैया कराया गया था, जिसका इस्तेमाल हाल के दिनों में बंद कर दिया गया है.
शहर के प्रमुख सड़कों पर लागू वन वे व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारियों व पदाधिकारियों ने कई दिशा निर्देश दिये थे. सड़क के वन होने की जानकारी देने के लिए होर्डिंग लगाने के निर्देश दिये गये थे. उक्त निर्देश के बाद तिलकामांझी चौक के मुहाने, कचहरी चौक के मुहाने और घूरन पीर बाबा चौक पर तीन फ्लेक्स बैनर लगाये गये थे. वन वे सड़कों से जुड़नेवाली गलियों या सड़कों के मुहाने पर वन वे व्यवस्था की जानकारी देने वाले कोई होर्डिंग नहीं लगाये गये. ऐसे में बाहर से आनेवाले लोगों या कई महीनों बाद शहर आनेवाले लोगों के लिए यह परेशानी का सबब बन रहा है. वन वे व्यवस्था का उल्लंघन करने पर अर्थदंड का भुगतान करनेवाले अधिकतर वाहन चालकों की शिकायत रहती है कि उन्हें वन वे रोड की जानकारी नहीं थी. न ही सड़क पर इसको लेकर बोर्ड, प्लेट या होर्डिंग लगाये गये हैं.
‘भागलपुर यातायात पुलिस के पास पर्याप्त संसाधन है. जाम का मुख्य कारण सड़कों या सड़क किनारे हो रहे निर्माण कार्य बन रहे हैं. पूजा पर्व के दौरान जब सड़कों पर भीड़ होती है, तो अधिकारी स्तर पर बलों की संख्या में बढ़ोतरी की जाती है. ट्रैफिक पुलिस को मुहैया कराये गये वायरलेस सेट सहित अन्य संसाधनों के इस्तेमाल को लेकर सभी को निर्देशित किया जायेगा.– एसआइ ब्रजेश कुमार, यातायात प्रभारी, भागलपुर