Muzaffarpur News: अगले 20 साल में शहर के विस्तार की संभावना को देखते हुए नगर विकास विभाग ने जिले के छह प्रखंड के 216 गांवों में मकान निर्माण के लिए वर्ष 2019 से नक्शा पास कराना अनिवार्य कर दिया. लेकिन यह आदेश फिलहाल फाइल में ही सिमट कर रह गया है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चार साल में आयोजना प्राधिकार से सिर्फ 40 मकान का नक्शा पास हुआ है. जबकि हाल में हुए मकान की गणना से स्पष्ट है कि हर गांव में पिछले दस साल में औसतन 100 से 150 मकान बने हैं. मतलब सभी मकान बगैर नक्शा पास कराये बन रहे हैं. हैरत की बात है कि आयोजना क्षेत्र में भगवानपुर, बैरिया और जीरोमाइल का इलाका है, जो भले अभी नगर निगम में शामिल नहीं है. लेकिन यहां सैकड़ों की संख्या में बहुमंजिली इमारत और मार्केट कॉम्प्लेक्स बन गये हैं.
ग्रेटर मुजफ्फरपुर का क्षेत्रफल
नगर निगम क्षेत्र को मिला कर ग्रेटर मुजफ्फरपुर का क्षेत्रफल 265.71 वर्ग किमी का है. इसमें शहरी क्षेत्र का 47.08 वर्ग किमी. ग्रामीण क्षेत्र का क्षेत्रफल 218.63 वर्ग किमी. शामिल है. ग्रेटर मुजफ्फरपुर के अगले 20 वर्षों तक विकास का प्लानिंग होगी. इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा.
2018 में प्राधिकार का हुआ गठन
नगर विकास विभाग ने आयोजना क्षेत्र की पहचान कर नोटिफिकेशन किया. इसमें 216 गांव को शामिल किया गया. नक्शा पास कराने के लिए एसडीओ पूर्वी कार्यालय आयोजना प्राधिकार का ऑफिस कार्यरत है. प्राधिकार में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के साथ प्राधिकार के 10 सदस्य है. तिरहुत प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त – अध्यक्ष जिलाधिकारी – उपाध्यक्ष मुख्य नगर निवेशक, नगर तथा क्षेत्रीय निवेशन संगठन या प्रतिनिधि नगर आयुक्त, उप विकास आयुक्त अपर समाहर्ता, राजस्व पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता राज्य सरकार की ओर से नियुक्त दो वैसे व्यक्ति जिन्हें नगर निवेशन का ज्ञान व व्यावहारिक अनुभव हो. इसके अलावा कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत कांटी मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, आयोजना प्राधिकार.
नक्शा पास कराने एक प्रतिशत सेस राशि
मकान के नक्शा पास कराने के लिए मकान के कुल लागत (मजदूरी ) समेत पर एक प्रतिशत सेस सरकार को देना है.2019 से पहले नक्शा को स्वीकृत करने की जिम्मेदारी मुखिया को दिया गया था.गौर करने वाली बात यह है कि जो मकान लोन से बन रहे है. उसका लोन तब तक स्वीकृत नहीं होगा. जब तक आयोजना प्राधिकार से नक्शा पास नहीं हुआ है. लेकिन प्राधिकार शिकायत मिल रही है कि बगैर नक्शा का लोन भी दिया जा है. इसे लेकर आयोजना प्राधिकार के कार्यपालक पदाधिकारी सह एसडीओ पूर्वी बैंक को पत्राचार भी कर रहे है. बगैर नक्शा के मकान बनाने वाले पर कार्रवाई के प्रावधान है.
वर्ष – नक्शा पास
2019 – 6
2020 – 3
2021 – 2
2022 – 28
2023 – 1