मुजफ्फरपुर. चमकी-बुखार से पीड़ित जो बच्चे एसकेएमसीएच में भर्ती हो रहे हैं, उनमें से अधिकतर बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया पायी गयी है. एसकेएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी ने कहा कि जिन बच्चों में एइएस की पुष्टि हुई है, उनमें हाइपोग्लाइसीमिया मिली है. इससे बच्चों का शुगर लेवल कम हो जा रहा है.
10 जनवरी से 11 अप्रैल तक जो बच्चे एसकेएमसीएच में भर्ती हुए हैं, उनमें से 12 बच्चों में एइएस की पुष्टि हुई है. इनमें से आठ बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया मिली है. सीतामढ़ी के जिस एक बच्चे की जनवरी में मौत हुई थी, उसमें भी हाइपोग्लाइसीमिया पायी गयी थी. अभी तक जो बच्चे बीमार होकर अस्पताल पहुंचे हैं, वे सभी ग्रामीण इलाके के हैं.
ये बच्चे अधिक गर्मी व बगान में खेलते थे और रात में बिन कुछ खाये सो गये थे, जिससे ये बीमार हो गये. डॉ सहनी ने कहा कि ये बच्चे रात में बिना खाये नहीं सोये, तो बीमार नहीं होते. अगर मां-बाप जागरूक हों और अपने बच्चों को शाम के समय स्नान करा दें और खाना खिला दें, तो बच्चे हाइपोग्लाइसीमिया से पीड़ित नहीं होंगे.
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– बच्चों को तेज धूप से बचाएं
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– बच्चों को दिन में दो बार नहलाएं
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– गर्मी बढ़ने पर बच्चे को ओआरएस या नींबू का पानी दें
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– रात में बच्चे को भरपेट खाना खिलाकर ही सुलाएं
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– तेज बुखार होने पर गीले कपड़े से शरीर को पोछें
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– बिना चिकित्सकीय सलाह के बुखार की दवा बच्चे को न दें
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– बच्चे की बेहोशी की हालत में उसे ओआरएस का घोल दें
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– छायादार जगह लिटाएं एवं दांत चढ़ जाने की स्थिति में बच्चे को दाएं या बाएं करवट लिटाएं
परिहार. डीएम सुनील कुमार यादव पर बीडीओ संजीव कुमार ने सीएचसी में चमकी बुखार वार्ड का निरीक्षण किया. इस दौरान पंखा, एसी एवं विभिन्न प्रकार की दवाइयों के बारे में जानकारी ली गई. मौके डॉ रमेश प्रसाद शाही, स्वास्थ्य प्रबंधक संजय कुमार, बीसीएम पंकज कुमार, ईएमटी सुजीत कुमार व जीएनएम योगेंद्र कुमार समेत अन्य मौजूद थे.