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हम अब 72 साल के हो गये और कितना…, किसान समागम में बोले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपनी सियासी सफर को लेकर बड़ा बयान दिया है. बिहार में चतुर्थ कृषि रोड मैप तैयार करने को लेकर हुए किसान समागम में मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि हमारी उम्र अब 72 साल की हो गयी है. अब हम कितना आपलोगों को समझायेंगे.

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपनी सियासी सफर को लेकर बड़ा बयान दिया है. बिहार में चतुर्थ कृषि रोड मैप तैयार करने को लेकर हुए किसान समागम में मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि हमारी उम्र अब 72 साल की हो गयी है. अब हम कितना आपलोगों को समझायेंगे. बापू सभागार में आयोजित किसान समागम में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आप सब लोगों से गुजारिश करेंगे, हाथ जोड़कर विनती करेंगे कि विवाद मत करिए. मेरी बात पसंद हो तो मानिए, पसंद नहीं हो ता मत मानिए. कोई बात नहीं है. हमको तो सुझाव देना था, हम दे रहे हैं. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बताइए… हम तो 72 साल के हो गये. अब कितना कहते रहेंगे, कितना समझायेंगे. मेरा सुझाव है… मानना है तो ठीक है, न मानना हो मत मानिए. जो मन करे वही करिए. हमको क्या है… हम जब तक हैं तब तक आप के हित में काम करते रहेंगे. जो मन करे वही करते रहिए. हम क्या करें.

60 फीसदी से अधिक झगड़ा जमीन को लेकर होता है

बापू सभागार में आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि याद करिए पुराना दिन,पहले कौन काम होता था ? आज कितना काम हो रहा है. हम लोग किसानों के हित में एक एक चीज के बारे में सोच रहे हैं .आपकी उपज और आमदनी बढ़े इसको लेकर काम कर रहे हैं. बाढ़ सुखाड़ में जो राहत वितरित करते हैं, उसमें हम सब लोगों को मदद करते हैं. सिर्फ खेत वाले को ही नहीं, बल्कि सबको राहत मिलती है. मुख्य़मंत्री ने कहा कि आज जमीन को लेकर सबसे अधिक झगड़ा होता है. 60 फीसदी से अधिक झगड़ा जमीन को लेकर होता है. हम तो चाहते थे कि 2022 तक ही सर्वे सेटलमेंट का काम हो जाय, लेकिन नहीं हुआ। मंच पर ही विभाग के अपर मुख्य सचिव बैठे हुए हैं. अब यह कह रहे हैं कि 2024 तक पूर्ण होगा.


अंग्रेजी शब्दों को लेकर नीतीश कुमार हुए नाराज 

किसान समागम के दौरान मुख्यमंत्री उस वक्त हैरानी प्रकट की जब किसान सुझाव देने के दौरान बीच-बीच में अंग्रेजी शब्द का प्रयोग कर रहे थे. नीतीश कुमार ने बैठे-बैठे ही माइक पर सबकी क्लास लगा दी. नीतीश कुमार ने कहा कि अंग्रेजी शब्द का प्रयोग करते हैं? यह हो क्या गया है… अपनी भाषा के शब्द को भूल जाइएगा? हमको तो आश्चर्य लग रहा है….। आप खेती करते हैं ना जी…? खेती तो आम आदमी करता है ना जी? आपको यहां बुलाया गया है सुझाव देने के लिए, आप आधा अंग्रेजी बोल रहे हैं. यह भारत है न जी, यह बिहार है ना जी, हम देख रहे हैं. आजकल सारा लोग अब मोबाइल पर देख रहा है. सब अपनी पुरानी भाषा को भूल रहा है, पुरानी चीज को भूल रहा है. इसलिए जरा ठीक से बोलिए, अपनी भाषा में बोलिए. हर चीज में अंग्रेजी घुसा दे रहे हैं. यह ठीक नहीं है. आप गवर्नमेंट का स्कीम बोल रहे, सरकार की योजना क्यों नहीं बोलते ? बोल रहे प्रोवाइड किया जाएगा, उपलब्ध कराया जाएगा यह नहीं बोल रहे? किसी को अंग्रेजी बोलना है बोलिए, हिंदी बोलना है वह लोग बोलें, स्थानीय भाषा में बोलना है अलग बोलें, सब को एक ही में मत घुसा दें. क्या मतलब है इसका.

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