बिहार: 5 साल से गोदाम में सड़ रही थीं 1058 आधार मशीनें, केके पाठक ने स्कूलों में लगाने का दिया निर्देश
बिहार में 1058 आधार मशीनें पिछले पांच वर्षों से एनसीइआरटी के गोदाम में सड़ रही थी, जिसे तत्काल ऑपरेशनल करने के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक को पत्र लिखा है.
बिहार के सभी छात्रों का आधार कार्ड बन जाये, इसके लिए शिक्षा विभाग प्रत्येक प्रखंड के दो-दो प्लस टू स्कूलों में आधार मशीन लगायेगा. इस दिशा में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जरूरी व्यवस्था दी है. उन्होंने प्रत्येक प्रखंड में दो आधार मशीनें लगाने के निर्देश दिये हैं. आधार मशीनें उन साधन संपन्न माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लगायी जायेंगी, जहां छात्र कोष या विकास कोष में समुचित राशि मौजूद हो. अपर मुख्य सचिव ने इस कार्य के लिए विद्यालय के प्रधानाध्यापक को अधिकृत किया है. प्रधानाध्यापक लीज लाइन या किसी भी नेटवर्क पर ये मशीनें लगा सकते हैं.
पांच वर्षों से एसइआरटी के गोदाम में सड़ रही 1058 आधार मशीनें
अपर मुख्य सचिव ने प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया है कि वह संबंधित स्कूलों में दो डाटा इंट्री ऑपरेटर अपने स्तर पर रख सकते हैं. इन ऑपरेटर्स को आधार निदेशालय प्रशिक्षण देगा. उन्होंने इस पूरे मामले में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक को पत्र में लिखा है कि आधार मशीनों का अधिष्ठापन (installation) करायें. पत्र में बताया गया है कि 1058 आधार मशीनें पिछले पांच वर्षों से एनसीइआरटी के गोदाम में सड़ रही हैं. लिहाजा उन्हें तत्काल ऑपरेशनल करना जरूरी है.
उल्लेखनीय है कि 27 जून को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में इस संदर्भ में बैठक हुई. बैठक में शिक्षा विभाग, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद और आधार निदेशक भी मौजूद रहे. बैठक में बताया गया कि आधार मशीन लगाने में लीज लाइन की विशेष जरूरत होगी, इसलिए आधार मशीनें वहीं लगायी जायें, जहां यह लीज लाइन या इंटरनेट नेटवर्क की सुविधा हो.
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शिक्षा पदाधिकारियों को दिया गया निर्देश
इधर, माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने पटना, नालंदा और भोजपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि अपने- अपने जिलों में प्रत्येक प्रखंड में दो-दो साधन संपन्न प्लस टू स्कूलों का चयन कर लें. वहां एक-एक कर्मी का नाम भी भेज दें, जिसे आधार मशीन संचालित करने का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा सके. प्रशिक्षण यूआइडीएआइ की तरफ से दिया जायेगा. इन जिलों में सबसे पहले आधार मशीन संचालित की जायेगी.