पटना. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने राजभवन को चिट्ठी लिख कर कहा है कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में समुचित इन्फ्रास्ट्रक्चर और शिक्षक नहीं है. इसकी वजह से पहले से चल रहे तीन वर्षीय कोर्स की पढ़ाई काफी पीछे चल रहे हैं. चिट्ठी में कहा गया है कि विश्वविद्यालयों के पास नये कार्यक्रम को संचालित करने की क्षमता ही नहीं है. इस परिदृश्य में राज्य सरकार चार वर्षीय कार्यक्रम का समर्थन नहीं करती है. उन्होंने इस मामले में राजभवन से पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.
अपर मुख्य सचिव केके पाठक की तरफ से राजभवन को लिखी चिट्ठी में दो टूक कहा गया है कि राज्य सरकार का विचार है कि बिहार के विश्वविद्यालयों में प्राय: किसी भी नये कार्यक्रम को शुरू करने के लिए फैकल्टी, सपोर्ट स्टाफ और आवश्यक क्लासरूम इंफ्रास्ट्रक्चर की क्षमता नहीं है. इसकी वजह से उनके मौजूदा नियमित पाठ्यक्रम निर्धारित समय से पीछे चल रहे हैं. मौजूदा 3-वर्षीय स्नातक कार्यक्रमों के संबंध में यह विलंब कुछ महीनों से लेकर एक वर्ष से अधिक तक का है. स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में और भी देरी हो रही है.
अपर मुख्य सचिव ने अपने पत्र में बताया है कि राज्य सरकार अगले कुछ महीनों के भीतर विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक कैलेंडर को समय पर लाने के लिए कदम उठा रही है. इसके लिए शिक्षा विभाग बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक आधिकारिक राजपत्र के जरिये एक परीक्षा कार्यक्रम जारी करने का प्रस्ताव बना रहा है. इस परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार विश्वविद्यालयों से अपेक्षा करती है कि वे शीघ्र ही जारी होने वाली गजट अधिसूचना का सख्ती से पालन करें. यह नोटिफिकेशन स्नातक, स्नातकोत्तर और अन्य कार्यक्रमों के लिए होंगे. लिहाजा विश्वविद्यालय ऐसी कोई परीक्षा आयोजित न करें , जो राज्य सरकार की तरफ से अधिसूचित न हो.
अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने राजभवन को यह चिट्ठी तब लिखी है, जब राजभवन च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत चार वर्षीय स्नातक कोर्स संचालित करने के लिए काफी आगे बढ़ चुका है. राजभवन ऑर्डिनेंस एंड रेग्यूलेशन पास कर चुका है. पहले दो सेमेस्टर के एडमिशन से लेकर परीक्षा तक का शेड्यूल तय हो चुका है. इस तरह अपर मुख्य सचिव के इस पत्र से चार साल के स्नातक कार्यक्रम को झटका लग सकता है. राजभवन की तरफ से गठित एक्सपर्ट कमेटी की तरफ से सीबीसीएस के तहत प्रदेश के पारंपरिक विश्वविद्यालयों में शुरू किये जा रहे चार वर्षीय स्नातक कोर्स के प्रथम दो सेमेस्टर के लिए सिलेबस तैयार कर लिया है. एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राजभवन को सौंप दी है.
Also Read: पटना-झाझा रेलखंड पर टला बड़ा रेल हादसा, मालगाड़ी पर लदी रेल पटरी ट्रैक पर गिरी, चार घंटे ट्रेनें ठप
सूत्र बताते हैं कि राजभवन सिलेबस ड्रॉफ्ट को बहुत जल्दी मंजूरी दे देगा. यह देखते हुए कि प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश की प्रक्रिया 30 जून तक हर हाल में पूरी करने की गाइडलाइन पहले जारी कर चुका है. चार जुलाई से विश्वविद्यालयों प्रथम सेमेस्टर की पढ़ाई सभी विश्वविद्यालयों में शुरू हो जायेगी.