New DM Purnea: पूर्णिया के नए डीएम अब 2012 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के कुंदन कुमार (IAS Kundan Kumar Purnea DM) होंगे. राज्य सरकार ने पूर्णिया के जिलाधिकारी पद पर रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के सुहर्ष भगत को स्थानांतरित कर औरंगाबाद के जिला पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित किया है. सुहर्ष भगत का पूर्णिया में एक साल का भी कार्यकाल पूरा नहीं हो सका पर इस दौरान वे काफी सुर्खियों में रहे. वैसे, अभी हाल ही में पनोरमा मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुहर्ष भगत की काफी फजीहत हुई थी. इधर, पूर्णियावासी उम्मीदों के साथ अपने नये डीएम का इंतजार कर रहे हैं. इसके पीछे की वजह जानिए..
वर्ष 2014-15 में प्रोबेशन के दौरान नये डीएम कुंदन कुमार पूर्णिया सदर में एसडीएम पद पर कार्यरत थे. एसडीएम पद पर रहते हुए श्री कुमार ने पूर्णिया में कई उल्लेखनीय कार्य किये थे जिसकी गूंज आज तक है. उनके एसडीएम कार्यकाल में अनाज घोटाले का बड़ा खुलासा आज भी पूर्णियावासियों के जेहन में है.
राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पश्चिम चंपारण, बेतिया के DM श्री कुंदन कुमार जी, IAS 2012 Batch, बिहार को माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा दूसरी बार PM Award से पुरस्कृत किया जा रहा है | इस ऐतिहासिक उपलब्धि के अवसर पर YSN टीम उन्हें बधाई देती है। @ias_kundan pic.twitter.com/pX0DCllYrF
— Yug Sanskriti Nyas (@yugsanskriti) April 18, 2022
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विधि व्यवस्था के संधारण में उनकी सक्रियता की याद आज भी लोग कर रहे हैं. उस समय सबसे बड़ा काम बस स्टैंड का हुआ था. कुंदन कुमार ने नगर निगम को साथ में लेकर बस स्टैंड को नया रूप देने की कोशिश की थी और रौशनी की व्यवस्था करायी थी.
कुंदन कुमार के जाने के बाद बस स्टैंड फिर यथा स्थिति में आ गया. कुमार को पूर्णिया के नये डीएम के रूप में पाकर नागरिकों में उत्साह है. लोग यह मानकर चल रहे हैं कि कुंदन कुमार के कार्यकाल में पूर्णिया के विकास को नया आयाम मिलेगा. इससे पहले बांका और बेतिया में भी उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किये हैं, जिनके लिए उन्हें पीएम और सीएम स्तर पर कई बार सम्मानित हो चुके हैं.
इधर, पूर्व डीएम सुहर्ष भगत के कार्यकाल को देखा जाये तो शहर के दो प्रमुख चौराहों को नया लुक मिला. सुहर्ष भगत के प्रयासों से आरएनसाव चौक एवं गिरिजा चौक का कायाकल्प हो गया जिससे शहर की खूबसूरती पहले से बढ़ी है. सुहर्ष भगत की दूसरी बड़ी उपलब्धि सिक्सलेन को अतिक्रमण से मुक्त करानी की रही. इससे सड़क काफी हद तक खाली हो गये और जाम की समस्या का काफी हद तक निदान भी हुआ. यह अलग बात है कि अतिक्रमण और खासमहाल मामले को लेकर कई एसे भी आदेश निकाले गये जिससे सुहर्ष भगत अधिकांश लोगों के किरकिरी बन गये थे.