पटना. बिहार के एक IAS अधिकारी पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाया है. ऊर्जा विभाग के सचिव संजीव हंस पर एक महिला ने आरोप लगाया है. महिला ने बताया है कि उसका चार साल का बेटा IAS संजीव हंस का है. वहीं, ये मामला पूर्व से चलते आ रहा है. अब इस मामले में पीड़ित महिला आरोपी IAS के खिलाफ पटना हाई कोर्ट पहुंची है और आग्रह किया है कि एसीजीएम दानापुर द्वारा 12 मई 2022 को दिए गए आदेश को रद्द करते हुए केस दर्ज करे.
पटना हाई कोर्ट की एक महिला अधिवक्ता ने एक याचिका दायर की है. इस याचिका में कहा गया है कि चार वर्ष का उसका पुत्र आर्यन लगभग चार साल पूर्व 25 दिसंबर 2018 को जन्म लिया है, कथित रूप से यह बच्चा राज्य के ऊर्जा सचिव संजीव हंस का है. दायर याचिका में यह भी मांग की गई है कि यह बच्चा संजीव हंस का है, इसके लिए डीएनए टेस्ट करवाया जाए.
साथ ही याचिका में यह भी आग्रह किया गया है कि एसीजीएम दानापुर द्वारा 12 मई, 2022 को दिए गए आदेश को रद्द करते हुए, रूपसपुर थाना को कंप्लेंट केस नंबर- 1122 सी 2021 के आधार पर ऊर्जा सचिव संजीव हंस, पूर्व विधायक गुलाब यादव, व ललित (गुलाब यादव के सर्वेंट) के पर धारा 323, 341, 376, 376(डी), 420, 312, 120 बी, 504, 506 व 341 आईपीसी और 67 आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया जाए.
बता दें कि पीड़ित महिला ने पूर्व में आरोप लगाया था कि RJD के पूर्व विधायक गुलाब यादव और राज्य सरकार के एक अफसर संजीव हंस ने कई दिनों तक दुष्कर्म किया और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया. इसके बाद गर्भवती हो गई. इन पर कार्रवाई के लिए इससे जुड़े दस्तावेज सरकार के पास भी भेजा, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. थाने में जब केस दर्ज नहीं किया गया तो पटना के दानापुर कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराना पड़ा.