पटना. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दुर्गापूजा पंडालों को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं. बोर्ड ने अपनी गाइडलाइन में पूजा समितियों के अलावा जिला प्रशासन को भी क्या करें और क्या न करें , इससे संबंधित दिशा-निर्देश दिये हैं. इसके अनुसार मूर्तियों के निर्माण और ऊपरी संरचना में प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग नहीं किया जाना है.
मूर्तियों को प्राकृतिक सामग्री और बांस, मिट्टी व पुआल से बनाना होगा है. मूर्तियों के निर्माण और ऊपरी संरचना के निर्माण में पारा, कैडिनयम, आर्सेनिक और क्रोमियम जैसी जहरीली धातुअों का रंग में उपयोग नहीं किया जायेगा. वहीं, मूर्ति की ऊंचाई 20 फुट तक और पंडाल की ऊंचाई 40 फुट तक सीमित रहेगी. मूर्ति विसर्जन की प्रक्रिया के संबंध में जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण दिल्ली द्वारा जारी दिशा-निर्देश सभी को पालन करना होगा.
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01. मूर्तियों को पानी में घुलनशील और प्राकृतिक रंगों से रंगा जायेगा.
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02. मूर्तियों की रंगाई केलिए जहरीले और गैर-विघटनीय रासायनिक रंगों और कृत्रिम रंगों का उपयोग नहीं किया जायेगा.
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03. फूल, कागज, अन्य वस्तुओं से बनी सजावटी सामग्रियों को मूर्तियों केविसर्जन से पहले हटा लिया जायेगा.
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04. मूर्तियों केनिर्माण में नियमों के उल्लंघन केलिए समिति और मूर्तिकार जिम्मेदार होंगे.
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01. इस नियम केलागू होने की तिथि से किसी भी प्रवाह में मूर्तिविसर्जन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.
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02. मूर्ति केविसर्जन केलिए स्थल चिह्नित करना, पर्याप्त मात्रा में कृत्रिम तालाबबनाना, इसे विभिन्न पूजा समितियों केसाथ टैग करना, इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करना निर्धारित समय सारणी का अनुपालन करना होगा.
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03. विसर्जन स्थल पर जनित ठोस कचरा जलाने पर रोक लगाना.
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04. विसर्जन के पूर्व जैव विघटनीय सामग्री को हटा लिया जाना है, ताकि इसका उपयोग खाद आदिबनाने में किया जा सके.
दुर्गापूजा व स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के लिए इस बार विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जायेगा. दुर्गापूजा के दौरान पूजा पंडालों के आसपास से विशेष वाहनों से कचरा कलेक्ट होगा. नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने मंगलवार को सभी अंचल व आइइसी टीम की विशेष बैठक कर सख्त निर्देश दिये.
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में पटना को बेहतर स्थान दिलाने के लिए इस बार दुर्गापूजा में भी स्वच्छता की थीम आयोजित की जा रही है. पूजा पंडालों के साथ समन्वय कर शहर वासियों को स्वच्छता संदेश दिया जायेगा. नगर निगम की ओर से सभी पूजा पंडालों में स्वच्छता कॉर्नर बनाया जायेगा.वहां स्वच्छता कलश में वेस्ट को कंपोस्ट होगा. इसके साथ ही सभी पंडालों में स्वच्छता दीप जलेगा.