शहरों में अतिक्रमण किया तो अब लगेगा 20 हजार रुपये तक का जुर्माना, बिहार नगर पालिका संशोधन बिल हुआ पास
राज्य के शहरी निकायों में अतिक्रमण करने पर जुर्माने की राशि में भारी वृद्धि की गयी है. लोगों को अब इस गलती पर एक हजार की जगह पांच से 20 हजार रुपये तक जुर्माना देना होगा.
पटना. राज्य के शहरी निकायों में अतिक्रमण करने पर जुर्माने की राशि में भारी वृद्धि की गयी है. लोगों को अब इस गलती पर एक हजार की जगह पांच से 20 हजार रुपये तक जुर्माना देना होगा. राज्य सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों को सशक्त करने के लिए बिहार नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2021 को पारित किया है.
विधानसभा में इस विधेयक को डिप्टी सीएम सह नगर विकास एवं आवास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने पेश किया. डिप्टी सीएम ने बताया कि इस विधेयक में नगर निकाय अतिक्रमण या किसी तरह के अवैध कब्जा को हटाने के लिए पूरी तरह से सक्षम होंगे.
पहले जिला प्रशासन पर इसके लिए आश्रित रहना पड़ता था, जिससे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में कठिनाई होती थी. साथ ही अतिक्रमणकारियों के खिलाफ एक हजार रुपये का जुर्माना का प्रावधान था. इसे बढ़ाते हुए अब स्थायी अतिक्रमण पर 20 हजार और अस्थायी अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ पांच हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान कर दिया गया है.
पदाधिकारी को हटाने के प्रावधान में बदलाव
राज्य सरकार के स्तर से नियुक्त पदाधिकारी को एक वर्ष के बाद नगर निकायों के पदधारकों की कुल संख्या के दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित कर उन्हें हटाने का प्रावधान पहले से है, जिसे अब बदल दिया गया है.
नये संशोधन में यह प्रावधान किया गया है कि किसी पार्षद का नगरपालिका में संविदा या अन्य किसी मामले में अगर कोई आर्थिक हित है, तो वे इससे संबंधित किसी बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे. अगर किसी पार्षद का कोई परिवार का भी किसी तरह का आर्थिक हित किसी चीज से जुड़ा है, तो उस बैठक में भी संबंधित पार्षद शामिल नहीं हो पायेंगे. इसके अलावा नगर निकाय अौर इसकी समिति की बैठक में पदाधिकारियों का भाग लेना अनिवार्य होगा.
नगर निकायों में समूह-ग के पदों पर अब राज्यस्तरीय बहाली
विधेयक में संशोधन के बाद अब सभी नगर निकायों में समूह-ग के पदों पर राज्यस्तरीय बहाली होगी. स्थानीय स्तर पर बहाली का प्रावधान खत्म कर दिया गया है. अब इस स्तर पर केंद्रीयकृत बहाली की व्यवस्था की गयी है.
Posted by Ashish Jha