पटना. पीएम स्वनिधि योजना के तहत अगर किसी स्ट्रीट वेंडर ने दस हजार का लोन लिया है और वह समय पर कर्ज की वापसी करता है, तो अगली बार उसे 20 हजार का लोन सात फीसदी ब्याज की दर से उपलब्ध कराया जायेगा. आगे अगर ससमय कर्ज की वापसी होती है, तो 50 हजार तक का लोन मिलेगा.
स्ट्रीट वेंडर अगर ग्राहकों के साथ डिजिटल लेन-देन करते हैं, तो इस योजना के तहत 12 सौ रुपये तक कैशबैक की सुविधा मिलेगी. आगे लोन की राशि बढ़ने पर कैशबैक की राशि बढ़ जायेगी. इसके अलावा अगर समय पर लोन का भुगतान किया जाता है, तो सात फीसदी अनुदान राशि भी मिलेगी. इस प्रकार से दस हजार के लोन पर 9930 रुपये ही वेंडरों को लौटाने पड़ेंगे.
कोरोना काल में अपना व्यवसाय बंद कर चुके या नुकसान झेल रहे स्ट्रीट वेंडरों को लोन देकर फिर से स्वावलंबी बनाने के लिए शुरू की गयी पीएम स्वनिधि योजना का लाभ देने के लिए सभी निकायों में अगले 20 जुलाई तक कैंप लगेंगे. पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत कैंप के माध्यम से स्ट्रीट वेंडरों को दस हजार रुपये का लोन उपलब्ध कराया जायेगा.
इस बार आयोजन कैंप में निकायों के कर्मचारी के अलावा बैंक कर्मियों को भी तैनात किया गया है, ताकि कागजात सही रहने पर तत्काल स्वनिधि योजना के तहत लोन स्वीकृत किया जा सके. गौरतलब है कि केंद्र सरकार की योजना के तहत दस हजार रुपये का लोन जीविकोपार्जन के लिए दिया जाना है. नगर विकास व आवास विभाग के निर्देशन में सभी निकायों में कैंप लगाकर लोन पास करने की शुरुआत की गयी है.
राज्य के शहरी निकायों में अब तक 32 करोड़ का लोन बांटा जा चुका है. विभाग के अनुसार पीएम स्वनिधि योजना के लिए अब तक एक लाख एक हजार के करीब वेंडरों ने आवेदन दिये हैं. इसमें 44 हजार के करीब वेंडरों के लोन स्वीकृत हैं और 33 हजार के लगभग वेंडरों को लोन की राशि उनके खाते में भेजी जा चुकी है. दूसरी तरफ, जिन वेंडरों ने लोन लिया है. उनमें 90 फीसदी की ओर से लोन के पैसे लौटाने शुरू कर दिये गये हैं.
गौरतलब है कि ऐसे सभी फुटपाथ विक्रेता जिनके द्वारा पूर्व में ऋण के लिए आवेदन दिया गया है. वह बैंक पासबुक, आधार कार्ड एवं नगर निकाय से निर्गत फुटपाथ विक्रेता का विक्रय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र के साथ निर्धारित तिथि पर बैंक ब्रांच में जाकर अपने आवेदन का निस्तारण करा सकते हैं. सभी निकायों में वेंडरों लिए नि:शुल्क हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गयी है.
Posted by Ashish Jha