Bihar News: अब चूहे, गिलहरी, खरगोश और बिल्ली पर रिसर्च करेगा आइजीआइएमएस, पांच नयी सुविधाओं का उद्घाटन

आइजीआइएमएस के फॉरेंसिंक विभाग में शव गृह, दो ऑक्सीजन प्लांट, महिला छात्रावास, टीबी मरीजों की जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग में एलपीए मशीन सहित पांच नयी सुविधाओं का उद्घाटन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | February 6, 2022 8:47 AM

पटना. आप जो दवा खा रहें वह कितनी कारगर है, दवा का साइड इफेक्ट तो नहीं होगा, कौन-सी दवा का किस बीमारी में सही इस्तेमाल होगा. इन सब की जानकारी के लिए आइजीआइएमएस के फॉरेंसिंक व फार्माकोलॉजी विभाग की ओर से रिसर्च जारी है. रिसर्च के लिए चूहे, गिलहरी, खरगोश, बिल्ली, आदि छोटे जानवरों को पहले दवाएं दी जाती हैं. ऐसे में रिसर्च का दायरा बढ़ाने के लिए संबंधित जानवरों के परिसर में ही रहने का इंतजाम किया जायेगा. इसके लिए शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने केंद्रीय पशु आवास भवन का शिलान्यास किया. संबंधित भवन दो मंजिला होगा, जो अगले डेढ़ साल के अंदर बन कर तैयार हो जायेगा. इसके बाद यहां काफी संख्या में रिसर्च के लिए जानवर एक साथ परिसर में ही रह सकेंगे.

पांच नयी सुविधाओं का उद्घाटन

शिलान्यास के अलावा स्वास्थ्य मंत्री ने पांच नयी सुविधाओं का उद्घाटन किया. इसमें फॉरेंसिंक विभाग में शव गृह, दो ऑक्सीजन प्लांट, महिला छात्रावास, टीबी मरीजों की जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग में एलपीए मशीन सहित पांच नयी सुविधाओं का उद्घाटन किया गया. वहीं उद्घाटन भाषण में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना आदि गंभीर मरीजों की मौत के बाद परिजनों को शव तत्काल ले जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. लेकिन शव गृह बन जाने से अब शह को गृह में रहने के लिए जगह मिल जायेगी.

घंटे भर में पता चलेगा टीबी है या नहीं

आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि 1.6 करोड़ रुपये की लागत से महिला छात्रावास का जीर्णोद्धार किया गया. प्रति प्लांट 1.2 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. उन्होंने बताया कि संस्थान में टीबी मरीजों के इलाज की आधुनिक सुविधा उपलब्ध है. ऐसे में अब एलपीए मशीन के आ जाने से समय पर लक्षण का पता चल जायेगा.

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अब तक टीबी के लक्षण जांचने के लिए एक से तीन दिन का समय लगता था. नयी मशीन से यह मशीन घंटे भर में जांच कर टीबी के लक्षणों को बता देगी. कार्यक्रम के मौके पर विधायक संजीव चौरसिया, संस्थान के निदेशक डॉ एनआर विश्वास सहित अस्पताल के सभी डॉक्टर आदि लोग मौजूद थे.

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