Loading election data...

‍IIT Kanpur की मदद से बिहार की एतिहासिक धरोहर का लगेगा पता, नहीं खोदनी पड़ेगी जमीन, जानें कैसे होगा काम

IIT Kanpur अब बिहार के बांका जिले के गौरवशाली इतिहास के बारे में पता लगाने में मदद करेगी. दरअसल, बांका जिले के चांदन नदी के आसपास के क्षेत्रों की गर्भ में छिपे पुरातात्विक अवशेष की खोज जा रही है. इसमें आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2022 6:51 PM

IIT Kanpur अब बिहार के बांका जिले के गौरवशाली इतिहास के बारे में पता लगाने में मदद करेगी. दरअसल, बांका जिले के चांदन नदी के आसपास के क्षेत्रों की गर्भ में छिपे पुरातात्विक अवशेष की खोज जा रही है. इसमें आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. अवशेष की खोज के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) से सर्वे और मैपिंग करवाए जा रहे हैं. इसमें आइआइटी कानपुर की टीम भी मदद करेगी.कला,संस्कृति एवं युवा विभाग ने इसके लिए आइआइटी से समझौता किया गया है.सर्वाधिक फोकस बांका जिले के भदरिया गांव के चांदन नदी का फैलाव वाले क्षेत्र पर हैं. उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र के प्रारंभिक सर्वे में पुरातात्विक महत्व  के साक्ष्य मिले हैं.

क्या है ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार

जीपीआर तकनीक में रेडियो तरंगों के माध्यम से जमीन के अंदर दबे अवशेषों की मैपिंग की जाती है. रेडियो तरंगों के माध्यम से यह अनुमान लगाया जाता है कि अवशेष कितना बड़ा, कितना अंदर और कहां तक फैला है. इसी अनुमान के आधार पर पुरातात्विक स्थल की खोदाई की जाती है. शुरुआत में चांदन नदी के पश्चिमी क्षेत्र में जीपीआर सर्वे के आधार पर चिंहित स्थलों की खुदाई की जाएगी. इसके लिए भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण(एएसआइ) से अनुमति लेने के लिए विभाग ने पत्र लिखा है. अनुमान मिलने के बाद पुरातात्विक स्थल की खोदाई की जाएगी.

प्राचीन पाटलिपुत्र और इस इलाके के पुरावशेषों का भी सर्वे

नई तकनीक से प्राचीन पाटलिपुत्र और इस इलाके के पुरावशेषों की खोज करने का फैसला सरकार ने किया है. यहां भी सर्वे के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार का उपयोग किया जाएगा. दरअसल, पुरातन पाटलिपुत्र के कोर इलाके में आबादी ऐसे बस गयी है कि पुरातात्विक उत्खनन करना मुमकिन नहीं है. कल संस्कृति विभाग ने यहां भी सर्वे के लिए आइआइटी कानपुर से समझौता किया है. आइआइटी कानपुर के पृथ्वी वज्ञिान विभाग के हेड जावेद मलिक और उनकी टीम को यह जम्मिेदारी दी गयी.

Next Article

Exit mobile version