बिहार के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के स्टूडेंट्स शिक्षकों को आइआइटी पटना व एनआइटी पटना प्रशिक्षित करेगा. स्टूडेंट्स व शिक्षकों को अलग-अलग उभरते हुए क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसकी तैयारी जारी है. राज्य के 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के स्टूडेंट्स व शिक्षकों को कंप्यूटर साइंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, डेटा साइंस, साइबर सुरक्षा, मशीन लर्निंग, थ्रीडी एनिमेशन और ग्राफिक्स, फूड प्रोसेसिंग एंड प्रिजर्वेशन, बायोमेडिकल और रोबोटिक साइंस, ब्लॉक चेन आदि संबंधित क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जायेगा. बिहार सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट व आइआइटी पटना और एनआइटी पटना साथ में मिल आंतरिक प्रशिक्षण का गाइडलाइन तैयार करेगा.
बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में अलग-अलग फील्ड के विशेषज्ञ बनाने की तैयारी शुरू कर ली गयी है. इसी के आधार पर राज्य के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों में अलग-अलग नये-नये कोर्स शुरू किये हैं. छपरा व कटिहार में फूड प्रोसेसिंग एंड प्रिजर्वेशन की पढ़ाई शुरू हो गयी है. दोनों में 60-60 सीटें निर्धारित हैं.
मधेपुरा इंजीनियरिंग कॉलेज में थ्रीडी एनिमेशन एंड ग्राफिक्स, भोजपुर में इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग, नालंदा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, बेगूसराय में केमिकल इंजीनियरिंग, सहरसा में माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई सत्र 2022 में शुरू हो गयी है.
औरंगाबाद व जमुई में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग, मुंगेर में आर्टिफिशियल इंटलिजेंस, शिवहर में डाटा साइंस, पश्चिमी चंपारण में साइबर सुरक्षा, कैमूर में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (नेटवर्किंग), गोपालगंज में इंटरनेट ऑफ थिंग्स एंड साइबर सुरक्षा के साथ ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी की पढ़ाई शुरू हो गयी है.
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38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में 10,965 सीटें हैं. इन सभी नये कोर्स के लिए सरकार आइआइटी व एनआइटी से सहयोग लेगी. एनआइटी व आइआइटी पटना लैब और प्रशिक्षण की व्यवस्था करेगी. इसके लिए अलग-अलग कॉलेजों के लिए अलग-अलग शेड्यूल निर्धारित किया जायेगा. इसी तरह से पीजी में भी सीटों की संख्या बढ़ा दी गयी है. पीजी स्तर पर 96 से बढ़ कर 126 सीटें हो गयी हैं.