पटना. आइआइटी पटना प्रदेश के 50 स्कूलों में भौतिकी और रसायन की मॉडल लैब स्थापित करेगा. प्रथम चरण में पटना जिले के सात स्कूलों में यह लैब स्थापित होगी. लैब मई से सितंबर के बीच बनेंगी. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी की मौजूदगी में नया सचिवालय स्थित स्थित मदन मोहन झा स्मृति सभागार में शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में आइआइटी पटना के निदेशक प्रो त्रिलोक नाथ सिंह और बीइपी के निदेशक श्रीकांत शास्त्री ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये.
शिक्षा मंत्री चौधरी ने कहा कि साइंस लैब स्थापित होने के बाद इसकी प्रयोगात्मक गतिविधियों के मूल्यांकन किया जाये. प्रधानाध्यापकों से आग्रह किया कि वे ईमानदारी से लैब संचालित करें. ताकि बच्चों में वैज्ञानिक समझ विकसित हो. बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्ग दर्शन में यह साइंस लैब स्थापित हो रही हैं. चयनित स्कूलों में अधिकतर मंत्रियों के जिलों के स्कूलों को जोड़ा गया है. कहा कि स्थापित की जा रही साइंस लैब में निकटवर्ती स्कूलों के बच्चों को भी प्रैक्टिकल करने की सहूलियत दी जाये.
अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि देखना यह है कि इन लैब से सीखने की क्षमता में कितना विकास होता है. बाद में ये लैब सभी 9360 उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में इस तरह की लैब स्थापित की जायेंगी. आइआइटी पटना के निदेशक त्रिलोक नाथ सिंह ने कहा कि संस्थान की तरफ से स्थापित लैब अंतत: शिक्षा विभाग को संचालित करनी हैं. इसलिए आइआइटी एक्सपर्ट से उन्हीं शिक्षकों को प्रशिक्षित कराया जाये, जो विज्ञान की समझ रखते हों. माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने कहा कि प्रथम चरण में केवल पटना जिले के सात चुनिंदा स्कूलों में लैब स्थापित की जायेंगी.
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– लैब में कक्षा 11 और 12 वीं के छात्रों को 12-12 प्रयोग की सुविधा
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– प्रत्येक लैब की स्थापना में 16 लाख और कुल 7.96 करोड़ रुपये खर्च होंगे. प्रथम चरण में एक करोड़ होंगे खर्च.
प्रथम चरण में राजकीय बालिका उमावि बांकीपुर, मंजू सिन्हा प्रोजेक्ट बालिका उवि,बख्तियारपुर, आरएसएम रेलवे एडेड उवि मोकामा घाट, शहीद राजेंद्र सिंह राउमावि गर्दनीबाग, देवीपद चौधरी स्मारक मिलर राउमावि पटना, टीके घोष एकेडमी और पटना कॉलिजिएट में अत्याधुनिक लैब स्थापित होंगी. बाकी 43 स्कूलों में दूसरे चरण में सितंबर 2022 से जून 2023 के बीच लैब स्थापित की जायेंगी.