वन विभाग की छापेमारी में जंगली जानवरों के अवैध कारोबार का खुलासा, दो गिरफ्तार
पुलिस ने दोनों से पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. हाल के दिनों में बिहार में हुई यह सबसे बड़ी छापेमारी है. इसमें बाघ की खाल के टुकड़े, बाघ के पंजे, कछुए के खोले, साही की कांटा, विभिन्न सांपों की खाल, मृग के सींग मिले हैं.
छपरा. बिहार के छपरा में वन विभाग की टीम ने किराना दुकान में छापेमारी कर बाघ और हिरन के खाल और सांप के केंचुल सहित कई प्रतिबंधित सामान बरामद किये हैं. इस मामले में टीम ने दो दुकानदारों को गिरफ्तार किया है. रंजीत कुमार और आकाश कुमार गुप्ता नामक दोनों दुकानदारों के पास से यह प्रतिबंधित सामान बरामद किये गये हैं. पुलिस ने दोनों से पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. हाल के दिनों में बिहार में हुई यह सबसे बड़ी छापेमारी है. इसमें बाघ की खाल के टुकड़े, बाघ के पंजे, कछुए के खोले, साही की कांटा, विभिन्न सांपों की खाल, मृग के सींग मिले हैं.
कई वन्य जीव वस्तुएं बरामद
सारण वन प्रमंडल पदाधिकारी रामसुंदर एम ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की गयी है. वन विभाग ने रेंजर बांके पासवान और अन्य वनरक्षियों के नेतृत्व में मौना चौक पर रंजीत कुमार और आकाश गुप्ता की दुकानों पर छापेमारी की गयी. वहां से कई वन्य जीव वस्तुएं बरामद हुई हैं. उनका व्यापार वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972, भारतीय वन अधिनियम-1927 और जैविक विविधता अधिनियम-2002 के तहत प्रतिबंधित है. डीएफओ ने कहा कि इन अवैध वन्यजीव वस्तुओं की आपूर्ति के स्रोत और व्यापार के नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है.
दोनों दुकानदारों पर प्राथमिकी दर्ज
दुकानदारों ने वन विभाग की इस कार्रवाई को गलत बताया है और इस छापेमारी में शामिल एक एनजीओ पर भयादोहन का भी आरोप लगाया है. लेकिन वन विभाग ने इस पूरी कार्रवाई को जायज ठहराते हुए कहा है कि वन विभाग ने मौके से प्रतिबंधित सामान बरामद किया है. वन विभाग का कहना है कि आरोपित दोनों दुकानदारों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972, भारतीय वन अधिनियम-1927 और जैविक विविधता अधिनियम-2002 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. उन्होंने कहा कि जांच के बाद लिंकेज का पता लगाने के लिए वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो और बिहार के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को रिपोर्ट भेजी जाएगी.