बिहार में नई तकनीक से बालू के अवैध खनन, ढुलाई और बिक्री पर लगेगी लगाम, घाटों व ठेकेदारों का बनेगा प्रोफाइल

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देश के अनुसार एक जुलाई से 30 सितंबर तक नदियों से बालू खनन बंद रहेगा. इस बीच राज्य में निर्माण कार्य जारी रखने के लिए तीन महीनों तक बालू की उपलब्ता सुनिश्चित करने के लिए लाइसेंस प्राप्त सभी खुदरा बिक्रेताओं को बालू का स्टॉक रखने का निर्देश दिया गया है

By Prabhat Khabar News Desk | June 25, 2023 1:33 AM

बिहार सरकार अब नयी तकनीक से बालू के अवैध खनन, ढुलाई और बिक्री पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए एक सॉफ्टवेयर इंटीग्रेटेड माइनिंग मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम और विभाग की क्रियाकलाप का डैश बोर्ड बनाया जायेगा. इसके माध्यम से नदियों, बालू घाट, पत्थर खनन सहित बंदोबस्तधारियों और ठेकेदारों का प्रोफाइल तैयार होगा. इससे अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई में भी मदद मिलेगी. वाहनों का सत्यापन भी इसी पोर्टल से होगा. साथ ही परिवहन विभाग के पोर्टल से वाहनों के सत्यापन की जानकारी भी मिल सकेगी.

एनआइसी बना रहा सॉफ्टवेयर 

सूत्रों के अनुसार खान एवं भूतत्व विभाग ने इसे विकसित करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) को दी है. इस पर करीब 4.58 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है. इसके माध्यम से उपयोगकर्ताओं का पंजीकरण, प्रमाणीकरण और प्रोफाइल प्रबंधन भी होगा. साथ ही इ-चालान जारी करने की प्रक्रिया भी अधिक पारदर्शी होगी. इससे अवैध ढुलाई करने वालों पर तुरंत कार्रवाई हो सकेगी और राज्य सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी.

पुराने सॉफ्टवेयर से हो रही है परेशानी

खान एवं भू-तत्व विभाग का मानना है कि प्रदेश में खनिजों के अवैध खनन और परिवहन के साथ ही भंडारण पर व्यापक नियंत्रण के लिए बेहतर तकनीक के उपयोग की आवश्यकता है. अब तक विभाग ओडिशा से खरीदे गए इंटीग्रेटेड माइन्स एंड मिनरल मैनेजमेंट इंफारमेशन सिस्टम का उपयोग कर रहा है. इसे 2017 में खरीदा गया था. यह सॉफ्टवेयर काफी पुराना पड़ गया है. इस कारण इसे बदलने की आवश्यकता महसूस हो रही है. इसे देखते हुए विभाग ने एनआइसी से सेवा लेने का फैसला किया है.

Also Read: पाकिस्तान और बंगलादेश से मंगवाते थे हवाला का पैसा, पटना और लखीसराय से पांच गिरफ्तार, ATS ने शुरू की जांच
एक जुलाई से 30 सितंबर तक बंद रहेगा नदियों से बालू खनन

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देश के अनुसार एक जुलाई से 30 सितंबर तक नदियों से बालू खनन बंद रहेगा. इस बीच राज्य में निर्माण कार्य जारी रखने के लिए तीन महीनों तक बालू की उपलब्ता सुनिश्चित करने के लिए लाइसेंस प्राप्त सभी खुदरा बिक्रेताओं को बालू का स्टॉक रखने का निर्देश दिया गया है. आम दिनों में बालू की खपत प्रत्येक महीने करीब तीन से चार करोड़ सीएफटी होती है. हालांकि मॉनसून में निर्माण कार्य कम होने से इसकी खपत करीब दो से तीन करोड़ सीएफटी रह जाती है. ऐसे में जुलाई से सितंबर तक यानी तीन महीने के लिए पर्याप्त मात्रा में बालू की जरूरत होगी.

Next Article

Exit mobile version