पटना का जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डा देश के उभरते हुए हवाई अड्डों में से एक बन गया है. कोविड महामारी के बाद पटना हवाई अड्डा के सूचकांक में लगातार सुधार हो रहा है. वर्ष 2020 में इसकी रैंकिंग 233 थी. तो वहीं वर्ष 2022 का अंत आते-आते इस हवाई अड्डे का रैंक अब 71 हो गया है.
विमानों की आवाजाही में पिछले 10 वर्षों में रिकार्ड वृद्धि दर्ज की गयी
एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआइ) वर्ल्ड की पूरी दुनिया के लगभग 400 हवाई अड्डों को अपने ग्राहकों को सर्वोत्तम सेवाएं देने व मैनेज करने में मदद करता है. पटना एयरपोर्ट के वायु परिवहन क्षेत्र के राजस्व में भी प्रतिवर्ष वृद्धि दर्ज की जा रही है. वर्ष 2011-12 में राजस्व सिर्फ 31 करोड़ था. कोरोना काल की सुस्ती से उबरकर अब वर्ष 2021-22 में 252 करोड़ के पास पहुंच गयी है. अब कुल सकल राज्य घरेलू उत्पाद में इस क्षेत्र का योगदान एक प्रतिशत हो गया. पटना एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही में भी पिछले 10 वर्षों में रिकार्ड वृद्धि दर्ज की गयी है.
2022-23 में 27 लाख 67 हजार यात्रियों ने पटना से भरी उड़ान
पटना हवाई अड्डे पर वर्ष 2009-10 में 10734 विमानों का आवागमन हुआ जो वर्ष 2022-23 (दिसंबर 2022 तक) में दोगुनी बढ़कर 21427 हो गयी है. इसी प्रकार वर्ष 2009-10 में पटना हवाई अड्डे से पांच लाख 53 हजार यात्रियों ने उड़ान भरी. वर्ष 2022-23 में यात्रियों की संख्या बढ़कर 27 लाख 67 हजार तक पहुंच गयी है. माल ढुलाई में भी पटना हवाई अड्डे में प्रगति हुई है. वर्ष 2009-10 में पटना हवाई अड्डे से करीब ढाई हजार टन माल ढुलाई हुई थी जो वर्ष 2021-22 तक आते-आते 12 हजार 186 टन तक पहुंच गयी है.