बिहार में 10 दलों ने छुपाये थे अपने 469 दागी प्रत्याशियों के रिकार्ड, अब भरना होगा जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति में आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशियों को सिंबल दिये जाने और इसकी पर्याप्त जानकारी प्रकाशित नहीं करने को लेकर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों पर जुर्माना लगाया है.
पटना. सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति में आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशियों को सिंबल दिये जाने और इसकी पर्याप्त जानकारी प्रकाशित नहीं करने को लेकर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों पर जुर्माना लगाया है. मामला बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राजनीतिक दलों द्वारा लंबित आपराधिक मामले वाले प्रत्याशियों को सिंबल देने का है.
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि विधानसभा चुनाव में मान्यता प्राप्त 10 राजनीतिक दलों द्वारा कुल 469 आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशियों को सिंबल दिया. इसमें आठ राजनीतिक दलों द्वारा 427 प्रत्याशियों को सिंबल दिया गया था.
विधानसभा चुनाव के पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि विधानसभा चुनाव लड़नेवाले प्रत्याशियों के आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी मतदाताओं को दी जाये. हर प्रत्याशी को नामांकन पत्र आयोग द्वारा जारी फाॅर्म में दाखिल करना है. सभी प्रत्याशियों को बड़े अक्षरों में लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी देनी होगी.
अगर कोई प्रत्याशी किसी दल के सिंबल पर चुनाव लड़ रहा है, तो उसको अपनी उस पार्टी को लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी देनी है. राजनीतिक दल पर यह जिम्मेदारी है कि वह अपने दल की आधिकारिक वेबसाइट पर आपराधिक पृष्ठभूमि या लंबित मामले की सूचना अपलोड करेगा. साथ ही नामांकन दाखिल करने के बाद सर्वाधिक प्रकाशित होनेवाले अखबारों में प्रत्याशियों द्वारा इससे संबंधित तीन बार विज्ञापन जारी किया जाये.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भाजपा, जनता दल यू, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा), बहुजन समाजवादी पार्टी, इंडियन नेशनल कांग्रेस, लोकजन शक्ति, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल द्वारा पहले, दूसरे और तीसरे फेज के नामांकन की जानकारी फाॅर्मेट सी-7 और फाॅर्मेट सी-8 में कुल 427 प्रत्याशियों का जमा करा दी . इनमें सीपीआइ(एम) ने चार प्रत्याशियों और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी ने 26 प्रत्याशियों का ब्योरा फाॅर्मेट सी-8 में भारत निर्वाचन आयोग को जमा नहीं कराया.
पार्टी विवाद में लोजपा का जुर्माना कौन भरेगा
लोजपा में जारी विवाद के बीच पार्टी की आधिकारिक जिम्मेदारी किसके ऊपर है. अभी चिराग गुट और पारस गुट द्वारा पार्टी पर दावा किया जा रहा है. स्थिति यह है कि पार्टी पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाये गये जुर्माने की राशि जमा कौन करेगा. जिस गुट द्वारा आयोग को राशि जमा करायी जायेगी, स्वाभाविक रूप से उसका पार्टी पर दबदबा बढ़ जायेगा.
Posted by Ashish Jha