बिहार में 18 राहगीरों की सड़क पर रोज हो रही मौत, पिछले साल गयी 5903 लोगों की जान
प्रदेश में सड़क हादसों में रोजाना 18 राहगीरों की मौत हो रही है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में नवंबर तक सड़क दुर्घटनाओं में 5903 लोगों की मौत हो चुकी है.
पटना. प्रदेश में सड़क हादसों में रोजाना 18 राहगीरों की मौत हो रही है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में नवंबर तक सड़क दुर्घटनाओं में 5903 लोगों की मौत हो चुकी है.
यह हालात तब है, जब महीनों लॉकडाउन के चलते बहुत कम वाहन चले. चिंता की बात यह है कि तमाम जतन के बाद भी लगातार पांच साल से सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या बढ़ रही है.
जानकारों के मुताबिक प्रदेश में वाहन चालकों की गलती से सबसे अधिक लगभग 78% सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. घायलों की संख्या मृतकों से कई गुनी अधिक है.
इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है. विशेषज्ञों के मुताबिक सड़क दुर्घटनाओं के कारण वाहनों का तेज गति से परिचालन, ओवरलोडिंग आदि हैं.
जानकारों के मुताबिक खराब सड़कें, वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या,बिना औपचारिकताएं पूरी किये बांटे जा रहे ड्राइविंग लाइसेंस भी दुर्घटनाओं की खास वजहों में शामिल हैं.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में बिहार में सड़क दुर्घटनाओं में 5421 मौतें हुई थीं. 2014 में यह आंकड़ा घटा था, लेकिन इसके बाद के सालों में फिर बढ़ना शुरू हो गया.
जानकारों का कहना है कि सड़कों पर हो रही मौत के आंकड़े इसलिए भी चिंताजनक हैं कि हेलमेट की अनिवार्यता का पालन नहीं किया जा रहा है.
Posted by Ashish Jha