बिहार के निजी स्कूलों में कमजोर वर्ग के बच्चों की उपेक्षा, आरटीइ एक्ट के बावजूद खाली रह गयीं 42 फीसदी सीटें
आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक शैक्षणिक सत्र 2022-23 में राज्य में प्राइवेट स्कूलों की संख्या 10005 थी. इसमें से केवल 6141 स्कूलों ने अपने यहां उपलब्ध कुल सीटों की तुलना में आरटीइ एक्ट के सेक्शन 12(1) (सी) के तहत 68.09 % बच्चों के नामांकन लिये.
राजदेव पांडेय,पटना. पिछले सात शैक्षणिक सत्र 2016-17 से 2022-23 के दरम्यान राइट टू एजुकेशन (आरटीइ) एक्ट के तहत राज्य के प्राइवेट स्कूलों में नामांकन के लिए उपलब्ध रही कुल सीटों की तुलना में औसतन केवल 58.32 फीसदी बच्चों को प्रवेश मिल सके. शेष करीब 42 फीसदी सीटें खाली रह गयीं. जाहिर है कि इतने बच्चों को प्राइवेट स्कूलो में पढ़ने का हक नहीं मिल सका. असलियत तो यह है कि कई स्कूल तो आवेदन तक नहीं लेते.
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37 प्रतिशत प्राइवेट स्कूलों में आरटीइ एक्ट के तहत नामांकन नहीं
जानकारी के मुताबिक अनिवार्यता के बाद भी करीब 37 प्रतिशत प्राइवेट स्कूलों में आरटीइ एक्ट के तहत नामांकन नहीं हुए. दरअसल यह वे प्राइवेट स्कूल हैं, जिनमें कमजोर वर्ग के बच्चों के नामांकन विभिन्न वजहों से नहीं हो सके हैं. इसमें मुख्य वजह इन स्कूलों की अरुचि बतायी जा रही है. हैरत में डालने वाली बात यह है कि आरटीइ एक्ट की इस अनदेखी पर सरकारी एजेंसियों ने पूरी तरह चुप्पी साध रखी है.
शैक्षणिक सत्र 2022-23 में राज्य में प्राइवेट स्कूलों की संख्या 10005 थी
आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक शैक्षणिक सत्र 2022-23 में राज्य में प्राइवेट स्कूलों की संख्या 10005 थी. इसमें से केवल 6141 स्कूलों ने अपने यहां उपलब्ध कुल सीटों की तुलना में आरटीइ एक्ट के सेक्शन 12(1) (सी) के तहत 68.09 % बच्चों के नामांकन लिये. शैक्षणिक सत्र 2021-22 में 10338 स्कूलों में से 3360 स्कूलों ने केवल 23.77% , 2020-21 में 9094 में से 6286 स्कूलों ने 59.64%, 2019-20 में 8776 में से 5830 स्कूलों ने 76.74% , 2018-19 में 7125 स्कूलों में से 4495 ने 65.26%, 20़17-18 में 5344 स्कूलों में से 3879 ने 59.59% और 2016- 17 के शैक्षणिक सत्र के दरम्यान 4905 प्राइवेट स्कूलों में से 3607 प्राइवेट स्कूलों ने 55.17% कमजोर वर्ग के बच्चों के नामांकन लिये हैं. वर्तमानप शैक्षणिक सत्र में आरटीइ एडमिशन के तहत कितने नामांकन हुए हैं, इसकी जनकारी अभी तक शिक्षा विभाग के मुख्यालय में नहीं आ सकी है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अभी जिलों से रिपोर्ट नहीं आयी है.
विशेष तथ्य
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– पिछले शैक्षणिक सत्र 2022-23 के आधिकारिक आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य के 3864 स्कूलों में आरटीइ एक्ट के तहत नामांकन के तहत आवेदन दर्ज नहीं हो सके.
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– इसी शैक्षणिक सत्र के दौरान राइट आरटीइ के तहत नर्सरी और कक्षा एक में कुल एक लाख नौ हजार 231 बच्चों के नामांकन लिये जाने चाहिए थे, लेकिन केवल 74376 बच्चों के नामांकन लिये जा सके
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– लिये गये कुल नामांकन में नर्सरी कक्षा में केवल छह जिलों में 3748 बच्चों के नामांकन हुए. नर्सरी में पूरे राज्य में पटना जिले में सर्वाधिक 1960 , भोजपुर में 868, बांका में 96, कैमूर में 116, कटिहार में 627 और पूर्णिया जिले में 81 बच्चों के नामांकन किये जा सके हैं.
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– वर्तमान शैक्षणिक सत्र में राज्य में आरटीइ के तहत कुल कितने नामांकन हुए , इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के मुख्यालय तक नहीं आ सकी है.
नोट- इस खबर में प्रयुक्त सभी आंकड़े सरकारी हैं.