पटना. कोरोना महामारी से जूझ रहे बिहार के 18 जिलों में आइसीयू का संचालन और वेंटिलेटर मशीन चलानेवाला कोई एनेस्थेटिस्ट नहीं हैं. इसका नतीजा हुआ कि इन जिलों में भेजे गये 66 वेंटिलेटर कोरोना के चरम समय में भी बेकार पड़े रह गये. अब इन सभी 66 वेंटिलेटर को राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में लगाने का निर्देश दिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलों में भेजे गये वेंटिलेटर की समीक्षा की गयी तो पता चला कि जिन जिलों में इसे भेजा गया है, वहां पर इनका उपयोग नहीं किया जा रहा है. ऐसे जिले जहां पर वेंटिलेटर अनुपयोगी पड़े हुए थे, उनमें गोपालगंज, बांका, भागलपुर, खगड़िया, कैमूर, जमुई और भोजपुर में छह-छह, मधेपुरा, बक्सर और लखीसराय में चार-चार, सीवान, किशनगंज, रोहतास, और पूर्णिया में दाे-दो तथा मुजफ्फरपुर, सहरसा, मधुबनी और जहानाबाद में एक-एक वेंटिलेटर शामिल हैं.
विभाग ने जिलों में बेकार पड़े वेंटिलेटर को लेकर उन जिलों के खिलाफ सख्त नाराजगी जतायी है, जहां पर एनेस्थेटिस्ट रहते हुए वेंटिलेटर बेकार पड़े रहे. लापरवाही का आलम ऐसा रहा कि मरीज वेंटिलेटर और आइसीयू बेड के लिए इंतजार करते रहे जबकि अररिया, सारण, नालंदा और सीतामढ़ी जिला में तीन- तीन एनेस्थेटिस्ट रहते हुए भी वेंटिलेटर का उपयोग नहीं किया गया.
यह जनस्वास्थ्य के प्रति जिला स्वास्थ्य प्रशासन की प्रतिबद्धता में घोर लापरवाही है. विभाग ने सख्त निर्देश दिया है कि ये जिले कार्यरत एनेस्थेटिस्ट द्वारा वेंटिलेटर का संचालन कराएं. विभाग ने औरंगाबाद, बेगूसराय, बक्सर, पूर्वी चंपारण, जहानाबाद, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, नवादा, सीवान और वैशाली जिले को चेतावनी दी है कि वहां पर एनेस्थेटिस्ट पदस्थापित हैं और इन जिलों में कुछ ही वेंटिलेटर क्रियाशील किया गया है. इन जिलों को निर्देश दिया गया है कि वह वेंटिलेटर का अधिकतम प्रयोग सुनिश्चित करें.
मेडिकल कॉलेज कार्यरत नये वेंटिलेटर मिलनेवाले
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एनएमसीएच, पटना 94 06
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जेएलएनएमसीएच, भागलपुर 39 11
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एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर 95 03
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जेएनकेटीएमसीएच, मधेपुरा 33 17
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एएनएमसीएच,गया 31 19
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विम्स, पावापुरी 40 10
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जीएमसी, बेतिया 53 00
Posted by Ashish Jha