बिहार में कर्ज की कार से घूम रहे 98 फीसदी लोग, GST के बाद कैश पेमेंट में आयी कमी

कार के शोरूम के प्रबंधकों की मानें तो जीएसटी और एक दिन दो लाख तक कैश ट्रांजेक्शन के प्रावधान होने बाद कैश पेमेंट में कार खरीद में काफी कमी आयी है. इससे पहले 30% तक कार की बिक्री कैश में होती थी.

By Prabhat Khabar News Desk | February 4, 2021 7:37 AM

सुबोध कुमार नंदन,पटना. कोरोना महामारी के बाद कारों की बिक्री 50% तक बढ़ी है. लेकिन, 98% लोग लोन पर कार खरीद रहे हैं. महज दो फीसदी लोग ही कैश पेमेंट कर कार खरीद रहे हैं. इसके कारण फाइनेंस करने वाली वित्तीय कंपनी और सार्वजनिक व निजी बैंकों का कारोबार काफी अच्छा चल रहा है.

इस मामले में फाइनेंस कंपनी और निजी बैंक सबसे आगे हैं. सार्वजनिक बैंक कार लोन देने से पहले दस्तावेज और सिविल स्कोर की गहन छानबीन करते हैं, जबकि फाइनेंस कंपनी और निजी बैंक केवल सिविल स्कोर को देख चंद मिनटों में लोन स्वीकृत कर देते हैं.

कार के शोरूम के प्रबंधकों की मानें तो जीएसटी और एक दिन दो लाख तक कैश ट्रांजेक्शन के प्रावधान होने बाद कैश पेमेंट में कार खरीद में काफी कमी आयी है. इससे पहले 30% तक कार की बिक्री कैश में होती थी.

महंगी कार के शौकिन लोग पैसे को एफडी कर देते हैं. उससे मिलने वाला ब्याज लोन की किस्त में बैंक को जमा कर देते हैं. किरण ऑटो मोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक नितीन कुमार ने बताया कि फिलहाल महज दो फीसदी कारें कैश में बिक रही हैं.

लगभग 98% कार लोग लोन पर खरीद रहे है. इनमें 45% फाइनेंस कंपनी, 30% निजी बैंक और 25% सार्वजनिक बैंक से कार खरीदने के लिए लोन लेते हैं. लोग फाइनेंस कंपनी और निजी बैंक को तरजीह देते है. उन्होंने बताया कि निजी बैंक ग्राहक की आमदनी का स्रोत और सिविल स्कोर पर लोन मिनटों में स्वीकृत कर देती है. इसके कारण हर वर्ग के लोग इन्हें प्राथमिकता देते हैं.

अलंकार ऑटो मोबाइल्स के निदेशक अशोक प्रियदर्शी ने बताया कि मुश्किल से दो फीसदी लोग कार कैश में पेमेंट कर खरीदते हैं. कोरोना काल में कारों की मांग बढ़ने के साथ लोन की भी मांग बढ़ी है. लोन पर केवल मध्यम वर्ग ही नहीं, बल्कि बड़े-से-बड़े लोग कार खरीदना पसंद कर रहे हैं.

सरकारी नौकरी-पेशा वाले भी लोन पर कार खरीद रहे हैं. ये लोग सरकारी बैंक को प्राथमिकता दे रहे हैं, क्योंकि ये बैंक इस वक्त कम ब्याज दर पर आसान किस्तों पर लोन दे रहे हैं. एक दिन में दो लाख तक लेनदेन का प्रावधान होने के बाद कैश में कार सेल कम हुई है.

लीटर ऑटो मोबाइल्स के निदेशक पुष्पेश सरस ने बताया कि कैश में कार की बिक्री न के बराबर है. पिछले दो साल से यह ट्रेड देखा जा रहा है कि 99% लोग कार लोन पर ही खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं.

यह सच है पैसे वाले भी फाइनेंस पर महंगी गाड़ी खरीद रहे हैं. कुछ साल पहले तक 30 से 40% लोग कैश में गाड़ी खरीदते थे. लेकिन, आज उसका उल्टा हो गया है. आज लगभग 99% लोग लोन पर कार खरीद रहे हैं. वहीं, पहले की तुलना में लोन लेना आसान हो गया है.

कृष हुइंई के महाप्रबंधक अमितेश्वर सिन्हा के अनुसार मैरेज सीजन में 20% कारों की बिक्री कैश में होती है. उसके बाद सामान्य दिनों में पांच से 10 फीसदी कारें कैश में सेल होती हैं. लोगों के कार खरीदने का ट्रेंड अब बदल गया है. लोग अब जरूरत के लिए नहीं बल्कि महंगी कार शान के लिए खरीद रहे हैं. इसके लिए लोग लोन पर कार खरीद रहे हैं.

इतना ही नहीं, बहुत से प्राइवेट बैंक प्री अप्रूव्ड लोन लोगों को मुहैया करा रहे हैं. वहीं फोर्ड के निदेशक रिभु कुमार बताते हैं कि पांच से सात फीसदी लोग कैश में कार खरीद रहे हैं. फिलवक्त लोग महंगी कारों को तरजीह दे रहे हैं. आज की तारीख में को 10-15 लाख रुपये घरों में नहीं रखते हैं. इसलिए लोग कार लोन पर लेना पंसद करते हैं.

Posted by Ashish Jha

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