पटना. सरकार ने इस साल 2021-22 साढ़े चार लाख मीटरिक टन से अधिक गेहूं की खरीद कर अब तक के सारे रिकाॅर्ड तोड़ दिये हैं. गेहूं की इस खरीद को ऐतिहासिक और मील का पत्थर माना जा रहा है. ऐसा पहली बार हुआ कि दशक से गेहूं बेचने वाले किसानों की पांच हजार से भी नीचे रहने वाली संख्या एक लाख के करीब पहुंच गयी है.
58 फीसदी रैयत और 42 फीसदी गैर-रैयत किसानों ने अपना गेहूं बेचा. गेहूं अधिप्राप्ति का किसानवार औसत 47 क्विंटल बता रहा है कि लघु और सीमांत किसानों को सीधा लाभ पहुंचा है. राज्य में 20 अप्रैल से 15 जून तक 1975 प्रति क्विंटल रुपये के निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पैक्स और व्यापार मंडल ने गेहूं की खरीद की थी.
कुल 4665 समितियों पर 96817 किसानों से चार लाख 56 हजार 29.59 मीटरिक टन (एमटी) गेहूं खरीदा गया. पिछले साल मात्र 980 किसानों ने 4920.977 एमटी गेहूं बेचा था.
बेगूसराय 32355.10 एमटी
रोहतास 27171.91 एमटी
पटना 2696767 एमटी
कैमूर 23231.58 एमटी
समस्तीपुर 2301950 एमटी
2017-18 खरीद नहीं
2018-19 17504 एमटी
2019-20 2818 एमटी
2020-21 4920 एमटी
सरकार ने धान की तरह गेहूं की खरीद के लिए अपना सरकारी खजाना खोल दिया था. सीएम सीधे इसमें रुचि ले रहे थे. सहकारिता सचिव को उनके कार्यालय से समय- समय पर दिशा- निर्देश जा रहे थे. नियमित बैठक भी की गयी. 4.56 लाख एमटी गेहूं खरीदा गया है, उसका मूल्य 900.52 करोड़ रुपये है. अब तक 89591 किसानों को 676.14 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह ने कहा कि बिहार में इस साल रिकाॅर्ड गेहूं खरीदी हुई है़ इस सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुशल रणनीति को जाता है़ मुख्यमंत्री ने हर पंद्रह दिन में गेहूं खरीदी की समीक्षा की़ समय-समय पर आवश्यक दिशा निर्देश दिये़ दरअसल मुख्यमंत्री चाहते थे कि प्रदेश के किसानों को अधिक से अधिक गेहूं का दाम मिले़
Posted by Ashish Jha