बिहार में बैंकों ने लक्ष्य का 54 प्रतिशत ही बांटा कर्ज, इन छह जिलों में हालात और बदतर

सूबे के बैंकों की रफ्तार लोन बांटने में अब तक तेज नहीं हो पायी है. चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में बैंकों को एक लाख 54 हजार 500 करोड़ रुपये का लोन बांटने का लक्ष्य दिया गया है. यानी वार्षिक साख योजना (एसीपी) निर्धारित की गयी है, परंतु दिसंबर 2020 तक महज 54.16 प्रतिशत ही लोन का वितरण हुआ है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 22, 2021 7:12 AM

पटना. राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में बैंकों की भूमिका बेहद अहम समझी जाती है. सूबे के बैंकों की रफ्तार लोन बांटने में अब तक तेज नहीं हो पायी है. चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में बैंकों को एक लाख 54 हजार 500 करोड़ रुपये का लोन बांटने का लक्ष्य दिया गया है. यानी वार्षिक साख योजना (एसीपी) निर्धारित की गयी है, परंतु दिसंबर 2020 तक महज 54.16 प्रतिशत ही लोन का वितरण हुआ है.

विशेषज्ञों के मुताबिक, चालू वित्तीय वर्ष समाप्त होने तक बैंक इस बार 60 से 65 प्रतिशत ही लोन बांट पायेंगे. लोन बांटने का यह प्रतिशत पिछले वित्तीय वर्षों की तुलना में काफी कम है. पिछले दो वित्तीय वर्षों में एसीपी में 84 एवं 73 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त हुआ था.

इस बार कोरोना की वजह से छह महीने तमाम वित्तीय गतिविधियां खासकर लोन बांटने की गतिविधि ठप होने की वजह से यह काफी प्रभावित हुई है. राज्य सरकार ने बैंकों को कृषि के अलावा लघु-मध्यम-सूक्ष्म (एमएसएमइ) उद्योगों को बड़ी संख्या में लोन देने को कहा है,ताकि राज्य के बाजार में पैसे का प्रवाह बढ़ने के साथ ही स्वरोजगार भी बड़ी संख्या में सृजित हो सके. बैंकों को सभी तरह के टर्सियरी सेक्टर मसलन परिवहन, होटल, मरम्मत समेत अन्य सेवा क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या लोन देने के लिए कहा गया है.

बिहार में कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था की रफ्तार काफी प्रभावित हुई है. टैक्स संग्रह में अब तक करीब 10 प्रतिशत का शार्टफॉल बना हुआ है. ऐसे में बैंकों के स्तर से खासतौर से प्राथमिक सेक्टर में लोन देने रफ्तार तेज नहीं होने से भी स्थिति सुधर नहीं पा रही है.

कृषि सेक्टर में 45 प्रतिशत तथा इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों मत्स्यपालन में 1.98 प्रतिशत, डेयरी क्षेत्र आठ प्रतिशत , मुर्गीपालन में 5.48 प्रतिशत ही लोन का वितरण लक्ष्य के अनुरूप हो पाया है.

लगभग सभी सेक्टरों में लोन बांटने में बैंकों की उदासीनता की स्थिति यह है कि राज्य के 20 बैंक की उपलब्धि लक्ष्य से आधी ही है. इसमें चार बैंक ऐसे हैं, जिनकी उपलब्धि 20 प्रतिशत से कम है. इसके अलावा राज्य के छह जिलों में मौजूद बैंकों की शाखाएं लोन देने में उदासीन हैं. इनमें लोन बांटने का प्रतिशत करीब 35 के आसपास है. इसमें सुपौल, बांका, गोपालगंज, मधुबनी, दरभंगा और शिवहर शामिल हैं.

posted by ashish jha

Next Article

Exit mobile version