पटना. बिहार विधान सभा चुनाव 2020 में महागठबंधन से माले ने तालमेल करने शानदार वापसी की है. माले को गठबंधन में राजद ने 19 सीटें दी थी, जिसमें 12 सीटों पर माले की जीत हुई. ऐसे में पहली बार माले एमएलसी की दावेदारी को लेकर तैयार हो गयी है.
पार्टी के मुताबिक आज तक एमएलसी के लिए हमेशा दूसरों को समर्थन दिया है, लेकिन अब संख्या बल के आधार पर माले का एक एमएलसी भी होना चाहिए.इस बात की चर्चा बहुत जल्द महागठबंधन की बैठक में होगी.
भाकपा- माकपा का गठबंधन 1995 में लालू प्रसाद से हुआ. इस चुनाव पहली बार सीपीआइ, माकपा व माले से 38 विधायक जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. जो बिहार में वामदलों का बिहार में सबसे अच्छा प्रदर्शन कहा जाता है, लेकिन उसके बाद से वामदलों का जनाधार में लगातार गिरावट होती गयी थी.
वामदलों का सबसे खराब प्रदर्शन 2010 में भाकपा 56, माकपा 30 और माले 104 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. बाकी कई सीटों पर भाकपा और माले आपस में दोस्ताना लड़ाई लड़े थे. लेकिन सफलता एक सीट पर बसवारा में भाकपा को मिली थी.बाकी सभी सीटों पर हार गये.
भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि बिहार में 12 सीटों पर हमारे उम्मीदवारों की बड़ी जीत हुई है. ऐसे में अब हम यह पहली एमएलसी के लिए दावेदारी करेंगे. इसको लेकर पार्टी में तैयारी हो गयी है. जल्द ही इस बात पर महागठबंधन की मीटिंग में रखा जायेगा, ताकि एमएलसी पद के लिए हमारे नेता को भी जगह मिले.
Posted by Ashish Jha