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बिहार में अब स्टोन क्रशर इकाइयों को 20 की जगह 12 फुट ऊंची दीवार बनवाना हुआ अनिवार्य, राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने दी राहत

स्टोन क्रशर इकाई के संचालन के दौरान धूलकणों को आस–पास फैलने से रोकने के लिए स्टोन क्रशर इकाइयों को 12 फुट ऊंची दीवार बनाना अनिवार्य है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 6, 2021 12:04 PM

पटना. स्टोन क्रशर इकाई के संचालन के दौरान धूलकणों को आस–पास फैलने से रोकने के लिए स्टोन क्रशर इकाइयों को 12 फुट ऊंची दीवार बनाना अनिवार्य है. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने इस संबंध में एक अप्रैल 2021 को आदेश जारी किया है. इसके साथ ही जल छिड़काव की स्थायी व्यवस्था हेतु चाहरदीवारी के साथ चारों ओर स्थायी पाइप लाइन की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है ताकि इकाई के संचालन के समय जल छिड़काव किया जा सके.

पर्षद ने 20 फुट ऊंची चाहरदीवारी निर्माण की शर्त्त के अनुपालन में आ रही कठिनाइयों के संबंध मेें स्टोन क्रशर इकाई संचालकों से प्राप्त पत्रों के आलोक में संशोधित किया है. स्टोन क्रशर इकाई के संचालन के दौरान निकलनेवाले धूलकणों को आस–पास फैलने से रोकने के लिए पूर्व में इकाई के चारों ओर 10 फुट ऊंची दीवार का निर्माण व जल–छिड़काव करने की शर्त पर संचालनार्थ सहमति आदेश जारी किया जाता था.

ऐसे उद्योगों से वायु प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए चाहरदीवारी की ऊंचाई को 10 फुट से बढ़ाकर 20 फुट ऊंचा बनाने का निर्देश 16 सितंबर 2020 को जारी किया गया था. इसका अनुपालन स्टोन क्रशर की क्षमता के अनुसार क्रमश: 600 सीएफटी/दिन क्षमता वाले को 31 अक्तूबर 2020 तक, 600 सीएफटी से उपर व 2000 सीएफटी/दिन तक क्षमता वाले को 30 नवंबर 2020 तक तथा 2000 सीएफटी/ दिन से उपर क्षमता वाले क्रशर इकाई को 31 दिसंबर 2020 तक सुनिश्चित किया जाना था.

संचालन कर्ता की ओर से 20 फुट ऊंची दीवार के निर्माण में आ रही कठिनाइयों को देखते हुए इसमें परिवर्तन किया गया. अब 12 फुट ऊंची दीवार बनानी है. पुनरीक्षित शर्तों के अनुसार स्टोन क्रशर इकाइयों को पूर्ण रूप से ढकने का निदेश है, जबकि पूर्व की शर्तों के अनुसार क्रशर इकाइयों को केवल ‘क्रशिंग सेक्शन’ को ढकने का प्रावधान था.

Posted by Ashish Jha

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